Religious Rituals: इन 7 नियमों का पालन किसी भी मंदिर में पूजा करते हुए जरूर करें, तभी पूजा होगी पूर्ण

Written By ऋतु सिंह | Updated: Feb 26, 2024, 05:56 AM IST

Puja Rules Do's and Don'ts in Temple

Mandir Puja Niyam: मंदिर में पूजा करने के भी कुछ नियम होते हैं. मंदिर में पूजा करने के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए, चलिए जानें.

हिंदू धर्मग्रंथों देवी-देवताओं की पूजा मंदिर में करना सबसे शुभ माना गया है. लेकिन मंदिर में पूजा के भी कुछ नियम होता है. नियमों के अनुसार अगर पूजा की जाए तो कामना पूर्ति और कष्टों मुक्ति मिलती है. लेकिन अगर नियमों के अनुसार पूजा न की जाए या कोई गलती जानबूझ कर की जाए तो उसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं.

ऐसे इसलिए कि जिस देवता को मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाता है, उस देवता का महात्म्य कायम रहता है और उसी के अनुसार नियमों का पालन करना पड़ता है. हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा का विशेष महत्व है. पूजा के दौरान कई लोगों से गलतियां हो जाती हैं. अगर किसी से अनजाने में कोई गलती हो जाए तो उसे माफ कर दिया जाता है. हालाँकि, जानबूझकर की गई कुछ गलतियां भक्तों के जीवन के लिए गंभीर खतरा ला सकती हैं. मंदिर में पूजा करते समय किन गलतियों को न करें, चलिए जान लें.

मंदिर में पूजा के नियम 

1-मंदिर में पूजा के लिए जाने से पहले आप स्नान करें और गंदे वस्त्र के साथ या शौच आदि के बाद मंदिर प्रवेश न करें.

2-मंदिर में घुसते समय अपने चरण रखने से पहले हाथ से फर्श को छूकर प्रणाम कर लें. फिर मंदिर में अपना पहला दाहिना पैर रखें.

3-मंदिर के अंदर भगवान की मूर्ति की अच्छे से प्रशंसा करें. धर्म के अनुसार, उसके श्रंगार से ज्यादा उसकी आंखों और चेहरे को श्रद्धा से देखना चाहिए. फिर कुछ देर के लिए आंखें बंद करके प्रार्थना करें और मन में देवी का स्वरूप धारण करें. इ

4-हमेशा भगवान की पूजा-अर्चना और प्रसाद चढ़ाने के बाद क्षमा मांग लें. आपकी क्षमायाचना से पूजा में कोई भी दोष मिट जाएगा. भगवान तुमसे प्रसन्न होंगे और कोई भी कष्ट तुम्हें छू नहीं पाएगा. 

5-जब आप मंदिर में पूजा करने जाएं तो अपने साथ कोई लोटा या थाली लेकर जाएं तो उसे जरूर भरकर रखें. फूलों या फलों से भरें. यदि आपके पास पानी का कोई पात्र है तो उसे भरकर अपने साथ ले जाएं. उस जल को मंदिर के अंदर किसी पेड़ के नीचे डाल दें.

6-मंदिर में ले जाए गए बर्तन कभी भी खाली नहीं लौटना चाहिए. हमेशा मंदिर से कुछ प्रसाद, फूल या चरणामृत लेकर घर आएं.

7-मंदिर में हमेशा प्रसाद जरूर चढ़ाएं और इस प्रसाद को खुद भी खाएं और लोगों में भी बांटें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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