डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में मुहूर्त का बहुत ही अधिक महत्व होता है. किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) देखा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में किए गए कार्य सफल होते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं इसके विपरित यदि कार्य शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में न किए जाए तो कार्य असफल हो सकते हैं. ज्योतिष शास्त्रों (Jyotish Shastra) के अनुसार, दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं. इन सभी मुहूर्त में से अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) को सबसे ज्यादा खास माना जाता है. चलिए आपको अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) और इससे जुड़ी खास बातों के बारे में बताते हैं.
अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat)
शास्त्रों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त प्रत्येक दिन दोपहर 12 बजे के आस-पास होता है. अभिजीत मुहूर्त के समय में थोड़ा बहुत बदलाव होता रहता है. इस मुहूर्त का समय सूर्योदय के अनुसार तय किया जाता है. यदि सूर्योदय सुबह 6 बजे हुआ है तो अभिजीत मुहूर्त 12 बजने में 24 मिनट पहले से लेकर 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त तक सुबह से 7 मुहूर्त निकल चुके होते हैं यहीं वजह है कि इस मुहूर्त को आठवां मुहूर्त भी कहते हैं.
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अभिजीत मुहूर्त महत्व (Abhijit Muhurat Significance)
सूर्योदय से लेकर सूर्योस्त तक कुल 30 मुहूर्त होते हैं अभिजीत मुहूर्त इन सभी मुहूर्त में से सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. अभिजीत का अर्थ जीत होता है और मुहूर्त का अर्थ समय होता है. इस प्रकार इस मुहूर्त में कोई भी कार्य करने से शुभ फल मिलते हैं और कार्य सफल होते हैं. यह समय धार्मिक अनुष्ठान के लिए शुभ माना जाता है.
अभिजीत मुहूर्त में क्या शुभ कार्य करें और किन कार्यों को करने से बचें (Abhijit Muhurat Shubh Karya)
ज्योतिष के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त में सभी शुभ कार्य कर सकते हैं. यह समय नए कारोबार शुरू करने के लिए, पूजा पाठ के लिए, धन संबंधित कार्यों के लिए शुभ होता है. हालांकि इस शुभ मुहूर्त में ग्रह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. इस मुहूर्त में दक्षिण दिशा में यात्रा करना भी अशुभ माना जाता है ऐसी स्थिति में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
इस दिन मान्य नहीं होता है अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat)
अभिजीत मुहूर्त हर दिन होता है लेकिन सप्ताह में बुधवार के दिन यह मुहूर्त मान्य नहीं होता है. बुधवार के दिन इस मुहूर्त में कोई भी कार्य नहीं करने चाहिए. बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त के शुभ न होने के पीछे यह कारण है कि इस दिन राहुकाल और अन्य अशुभ योग अभिजीत मुहूर्त में ही आते हैं. यहीं वजह है कि बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त को अशुभ माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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