डीएनए हिंदी: (Adhik Maas Start Date And Upay) 18 जुलाई दिन मंगलवार यानी कल से मलमास की शुरुआत हो रही है. मलमास को ही अधिकमास भी कहते हैं. यह साल का 13वां महीना होता है. मलमास पूरे 28 दिन का होगा जो 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा. इस मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस माह में कुछ कार्य आपको पुण्य का भागीदार बना सकते हैं. इन्हें करने से भी कष्ट दूर हो जाएंगे. इन कार्यों में मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना से लेकर कथा का श्रवण करना है. इस महीने में खाने पीने का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. थोड़ी सी भी गलती आपको पाप का भागीदार बना सकती है.
मलमास में कथा श्रवण करने से लेकर ब्रजभूमि की परिक्रमा करने से विशेष लाभ मिलता है. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस मास में भगवत गीता पढ़ने से लेकर सत्यनारायण की कथा कराने या सुनने पर ही आपके सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार ने बताया कि मलमास का बहुत ज्यादा महत्व होता है. ऐसे में कुछ चीजों का ध्यान रखा जाए तो भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. इनमें पांच कामों को करना बेहद फलदायक होता है. आइए जानते हैं ...
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अधिकमास में क्या-क्या करें
-अधिकमास में भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है. इसी मास में भगवान कृष्ण के साथ ही नरसिंग भगवान, सत्यनारायण की कथाओं को सुनना चाहिए. साथ ही सद कर्म करने से बहुत अधिक फल मिलता है. श्रीमद्भगवद्गीता, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और राम कथा व गीता का अध्याय करने व सुनने चाहिए. साथ ही दिन में कम से कम एक बाब 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. इसे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. बहुत बड़ा पुण्य प्राप्त होता है.
-अधिकमास में भगवान का नाम लेने के साथ ही भोजना पर भी ध्यान रखना चाहिए. इस मास में सिर्फ सातविक भोजन ही करना चाहिए. इस मास में जौ, तिल, दूध, दही, जीरा, नमक, ककड़ी, बथुआ, मटर, गेहूं, पान, मटर, कटहल, मेथी खाने का विधान है. यह शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही मन को भी शुद्ध रखता है.
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-अधिकमास में दीपदान का भी विशेष महत्व है. इस माह में ध्वजा दान करना बहुत ही शुभ और फलदायक होता है. ज्योतिषाचार्य बताती हैं कि इस माह में दान पुण्य करने चाहिए. साथ ही वृक्ष लगाना, साधु संत की सेवा करना बेहद मंगलकारी होता है. बहुत अधिक लाभकारी होता है.
-अधिकमास में पुराणों को पढ़ने से लेकर ब्रजभूमि की यात्रा पैदल परिक्रमा बेहद पुण्यदायक होती है. इस मास में ही ब्रज की 84 कौंस की परिक्रमा लगाई जाती है. यह जीवन के पापों का नाश कर पुण्य बढ़ाता है.
-ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अधिक मास में महामृत्युंजय मंत्र का जप ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. इससे ग्रह दोष खत्म हो जाते हैं. मलमास में किसी पुरोहित से संकल्प कराकर महामृत्युंजय मंत्र का जप करा सकते हैं. ऐसा करने से आपके घर से सभी प्रकार के दोष समाप्त होंगे. घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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