आज हैं अधिकमास का प्रदोष व्रत, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा प्रसन्न होंगे भोलेनाथ

Aman Maheshwari | Updated:Jul 30, 2023, 07:30 AM IST

Ravi Pradosh Vrat 2023

Ravi Pradosh Vrat 2023: अधिकमास का पहला प्रदोष व्रत आज 30 जुलाई 2023 रविवार को रखा जाएगा. रविवार को होने से यह रवि प्रदोष व्रत होगा.

डीएनए हिंदीः सावन महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही खास होता है. भोलेनाथ की पूजा के लिए त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat 2023) रखा जाता है. प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) करने से भगवान शिव के आशीर्वाद से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सावन में इस बार अधिकमास होने से दो महीने का सावन होगा. सावन में दूसरा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) और अधिकमास का पहला प्रदोष व्रत (Adhik Maas Pradosh Vrat 2023) आज 30 जुलाई 2023 रविवार को रखा जाएगा. रविवार के दिन पड़ने से यह रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat 2023) होगा. तो चलिए आपको आज रवि प्रदोष व्रत के लिए पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व के बारे में बताते हैं.

अधिकमास प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Adhik Pradosh Vrat 2023)
भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष काल को बहुत ही शुभ माना जाता है. आज अधिकमास में रवि प्रदोष व्रत के दिन शाम को 7ः14 से रात को 9ः19 तक पूजा का मुहूर्त है. आप इस शुभ मुहूर्त में पूजा करेंगे तो भोलेनाथ की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

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अधिकमास प्रदोष व्रत पूजा विधि (Adhik Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठने के बाद स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ कपड़े पहन लें.
- शिवलिंग पर जल में दूध मिलाकर अर्पित करें. शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के बाद पूजा करें.
- शिवलिंग पर बेल पत्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और पान, सुपारी आदि चीजों को चढ़ाएं.
- भगवान शिव की पूजा के समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते रहें.
- आपको इस दिन व्रत करना चाहिए. व्रत सेंधा नमक का इस्तेमाल करें और इस दिन सभी तामसिक चीजों से परहेज करें.

अधिकमास प्रदोष व्रत का महत्व (Adhik Pradosh Vrat Significance)
प्रदोष व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार सभी महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. प्रदोष का अर्थ संध्या काल से होता है. इस दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा की जाती है. त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत करने से भोलेनाथ की कृपा से भक्त के सभी दुख दूर होते हैं. भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख शांति बनी रहती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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