Good News: फर्जी संतों की सूची अखाड़ा परिषद जल्द करेगा सार्वजनिक, साधु-महात्माओं के लिए गाइडलाइन भी होगी जारी

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jul 09, 2024, 07:51 AM IST

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी

Crackdown on fake saints: हाथरस की घटना के मद्देनजर एबीएपी ने महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर चर्चा के लिए 18 जुलाई को प्रयागराज में बैठक बुलाई है और इसमें फर्जी संतों पर नकेल कसने की भी तैयारी होगी.

Farzi Babas entry Ban in Mahakumbh: संगम नगरी प्रयागराज में 2025 में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. महाकुंभ को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं. प्रशासन के साथ ही अखाड़ा परिषद भी इसकी तैयारियों में जुटी हुई है. इस बीच हाथरस की घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने बड़ा फैसला लिया है. अखाड़ा परिषद का कहना है कि फर्जी बाबाओं की वजह से संत समाज की बदनामी हो रही है. संत समाज का स्वाभिमान खत्म हुआ है. महाकुंभ से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ऐसे फर्जी संतों की सूची जारी कर प्रशासन से इनके खिलाफ गाइड लाइन तैयार करने को कहेगा.

अखाड़ा परिषद और मेला प्राधिकरण की बैठक 18 जुलाई को

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, "एबीएपी ने आगामी मेगा धार्मिक मेले महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर चर्चा के लिए 18 जुलाई को यहां एक बैठक बुलाई है. बैठक में संस्था दिशा-निर्देश जारी करने की योजना बना रही है और यहां तक ​​कि फर्जी संतों और द्रष्टाओं की सूची भी जारी की जाएगी.

उन्होंने कहा, "यह भी आह्वान किया जाएगा कि ऐसे फर्जी और स्वयंभू संतों को संगम तट पर 12 साल में एक बार होने वाले मेले के दौरान शिविर लगाने के लिए भूमि और अन्य सुविधाओं की मांग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

अखाड़ा परिषद नहीं चलने देगा अब फेक संतों की मनमानी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े संतों का कहना है कि ऐसे लोग चमत्कार के नाम पर जनता को गुमराह कर भीड़ इकट्ठा करते हैं और ये लोग संतों को बदनाम करते हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत ने कहा कि 18 जुलाई को जिला प्रशासन के साथ बैठक होगी. जिसमें प्रशासन से नकली बाबा का चोला पहनने वालों के खिलाफ नियम बनाने को कहा जाएगा.

साधु-संतों की प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है

अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी के सदस्य और निर्मल आनंद अखाड़े के संत आचार्य देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि हाथरस जैसी घटना से सभी साधु-संतों की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है.  उन्होंने कहा, ‘‘सभी 13 अखाड़ों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर आगे आना होगा और फर्जी संतों के खिलाफ आवाज उठानी होगी.’’ शास्त्री ने कहा कि सरकार को भी इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए क्योंकि उनके अखाड़ों के संतों के पास कोई ऐसी एजेंसी नहीं है जिसके जरिए वे ऐसे फर्जी बाबाओं की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकें.

उन्होंने कहा, "कुछ साल पहले भी हमने अखाड़ा परिषद के तत्वावधान में दिशा-निर्देश तैयार किए थे और फर्जी संतों की पहचान की थी, लेकिन फर्जी संतों की सूची कई बार जारी करने के बाद उस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस मुद्दे पर संसद में भी बहस और चर्चा होनी चाहिए."

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