डीएनए हिंदी: (Anant Chaturdashi 2023) हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है. इस साल चतुर्थी आज यानी 28 सितंबर 2023 को है. इस दिन भगवान गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है. साथ ही मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा उपासना के बाद उन्हें रक्षा सूत्र बांधे.
माना जाता है कि ऐसा करने भगवान हर संकट से बचाते हैं. हर बाधा और समस्याओं को दूर कर कृपा करते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी के साथ गणपति का आशीर्वाद मिलने से व्यक्ति का जवीन धन्य हो जाता है. जीवन में हर खुशी और धन धान्य मिलता है. आइए जातने हैं इस साल अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और महत्व...
अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 27 सितंबर की रात 10 बजकर 18 मिनट पर होगा. यह अगले दिन 28 सितंबर 2023 की शाम 6 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, अनंत चुतर्थी 28 सितंबर को मनाई जाएगी.
ऐसे करें अनंत चतुर्दशी की पूजा
अनंत चतुर्दशी पर सुबह उठने के साथ स्नान करें. इसके बाद संकल्प लेकर घर में गंगा जल का छिड़काव कर सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें. उनके पास एक कलश रखें. परिवार में सदस्यों के हिसाब से भगवान विष्णु जी को अनंत रक्षा सूत्र अर्पित करें. इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को फल फूल अर्पित करें. साथ ही धूप दीप देकर अपनी मनोकामना उनके सामने रखें. भगवान की आरती करने के साथ ही अनंत चतुर्दशी की कथा सुनकर सभी को प्रसाद बांटे दें. पूजा के बाद पुरुष दाएं और महिलाएं बाएं हाथ में अनंत रक्षासूत्र बांधे. ऐसा करने से भगवान सभी संकटों से बचाते हैं. घर में धन धान्य का वास होता है.
जानें अनंत चतुर्दशी का महत्व
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. अगर आप गणपित बप्पा को घर लेकर आए हैं तो इस दिन भगवान गणेश जी की मूर्ति विसर्जित की जाती है. साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से लंबी से लंबी बीमारियों से मुक्ति मिलती है. गृह-क्लेश और तंगी से छुटकारा मिल जाता है. घर की सुख-शांति के लिए भी अनंत चतुर्दशी व्रत का बेहद लाभकारी होता है. यह व्रत धन-धान्य और सुख-संपदा में बढ़ोत्तरी करता है. इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करना भी शुभ और फलदायक होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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