Gupt Navratri 2023: कल से शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्रि, जानें शुभ संयोग, तिथि और महत्व

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 18, 2023, 06:40 AM IST

गुप्त नवरात्रि कल से शुरू होने जा रहे हैं. आषाढ़ के नवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व होता है. इसमें व्रत रखने और पूजा अर्चना से माता सभी इच्छाएं पूर्ण करती हैं. 

डीएनए हिंदी: (Gupt Navratri Kab H) 19 जून 2023 से गुप्त नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं. अबकी बार गुप्त नवरात्रि बेहद खास हैं क्योंकि, इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का बड़ा ही महत्व बताया गया है. साल में चार नवरात्रि आते हैं. पहली चैत्र माह में, दूसरी नवरात्रि आषाढ़ माह में, तीसरी  नवरात्रि आश्विन माह में और चौथी माघ माह में. आषाढ़ और माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि रहती है, जिनमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि को श्रद्धालु बड़े धूमधाम से मनाते हैं. जन सामान्य में गुप्त नवरात्रि ज्यादा प्रचलित नहीं है. इसकी वजह यह है कि गुप्त नवरात्रि को सिद्धि और साधना के लिए बहुत ही खास माना जाता है. इसमें तंत्र-मंत्र के जो साधक होते हैं वो विशेष रूप से साधना करते हैं. आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि की तिथि, शुभ संयोग, मुहूर्त और महत्व.

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गुप्त नवरात्रि पर बन रहा शुभ संयोग

गुप्त नवरात्रि इस बार 19 जून से आरंभ हो रहा है, जो 28 जून को समाप्त होगा. ऐसे में अबकी बार गुप्त नवरात्रि नौ दिनों की होगी. यह गुप्त नवरात्रि बेहद खास हैं भी है क्योंकि, 25 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है और पूरे गुप्त नवरात्रि के दौरान चार रवि योग का भी खास संयोग बन रहा हैं, जो बहुत ही दुर्लभ है. वहीं, इस नवरात्रि में 20 , 22 , 24 और 27 जून को रवि योग लग रहा है. कहते हैं गुप्त नवरात्रि में मां के नौ रूपों की पूजा करने से मन चाहे फल की प्राप्ति होती है.

जानें कौन हैं 10 महाविद्या?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में शक्ति की साधना को गोपनीय रूप से किया जाता है. गुप्त नवरात्रि में किसी खास इच्छा और सिद्धि को प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा का विशेष महत्व है. गुप्त नवरात्रि की देवियां है- माता काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता,त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला.

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गुप्त नवरात्रि का महत्व 

गुप्त यानी छिपा हुआ. इस नवरात्रि में गुप्त विद्याओं और सिद्धि प्राप्त करने के लिए साधना की जाती है. इसमें तंत्र साधनाओं का बहुत ही महत्व होता है और तंत्र साधना को गुप्त रूप से किया जाता है. इसलिए, इस नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. इसमें जो लोग दस महाविद्याओं की पूजा करते हैं उन पर माता की कृपा बनी रहती है. गुप्त नवरात्रि में पूजा करने से दुखों से मुक्ति मिलती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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