डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में दीप जलाने का बहुत ही अधिक महत्व होता है. किसी भी पूजा-पाठ से पहले दीप या ज्योत प्रज्वलित अवश्य की जाती है. दीपक जलाना शुभ (Deepak Jalane Ke Fayde) माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, भगवान को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दीपक जलाया जाता है. अधिकतर पूजा पाठ के दौरान पीतल या स्टील की ज्योत प्रज्वलित (Jyoti Prajwalit) की जाती है. भक्त मिट्टी और आटे के दीपक (Aate Ka Deepak) को भी जलाते हैं. ज्योतिष में इन दोनों ही तरह के दीपक का विशेष महत्व बताया गया है. तो चलिए आज हम ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मजूमदार से आटे और मिट्टी के दीपक जलाने के महत्व के बारे में जानते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मिट्टी के दीपक को शुद्ध माना जाता है. मिट्टी के पवित्र दीपक को भगवान के सामने जलाने से सभी मनोकामानएं पूरी होती हैं. आटे के दीपक का भी विशेष महत्व होता है. ज्योतिष में सभी समस्याओं के लिए अलग-अलग आटे के दीपक को प्रज्वलित करने के बारे में बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि समस्या के अनुसार आटे का दीपक प्रज्वलित करने से जल्द ही असर देखने को मिलता है. तो चलिए जानते हैं कि कौन सी समस्या के लिए किस आटे का दीपक जलाना चाहिए.
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आटे के दीपक के फायदे (Aate Ke Deepak Ke Upay)
गेंहू के आटे का दीपक
व्यक्ति किसी वाद-विदाद में फंसा हुआ है और वह इससे छुटकारा पाना चाहता है. ऐसे में उसे गेंहू के आटे से बना दीपक मंदिर में प्रज्वलित करना चाहिए. ऐसा करने से आपको विवाद से छुटकारा मिल सकता है.
उड़द के आटे का दीपक
अपने दुश्मन से परेशान है और उसे पराजित कर उसपर विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको उड़द के आटे का दीपक जलाना चाहिए. उड़द के दीपक को प्रज्वलित करने से शत्रु पराजित होता है और विजय प्राप्त होती है.
मूंग के आटे का दीपक
यदि आपके घर में कलह और क्लेश का माहौल रहता है तो आपको घर में शांति बनाए रखने के लिए मूंग के आटे को दीपक जलाने का उपाय करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दीपक के आटे को जलाने से घर में शांति का माहौल बना रहता है.
आटे का दीपक जलाने के नियम (Aate Ke Deepak Jalane ke Niyam)
आटे के दीपक को हमेशा घटते या बढ़ते क्रम में प्रज्वलित करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, आटे का दीपक 11, 21 और 31 दिन करके इसी क्रम में जलाना चाहिए. दीपक जलाना 1 दीपक से शुरू करें और फिर इसे 11 दीपक तक जलाएं. दीपक को पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे दिन बढ़ते क्रम में जलाएं इसके बाद घटते क्रम में दीपक प्रज्वलित करें. दीपक पहले एक-एक करके बढ़ाएं और उसके बाद इसी क्रम में इसे कम करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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