डीएनए हिंदी: कुंडली में नौ ग्रह और बारह राशियों का अध्ययन किया जाता है परन्तु कुंडली केवल इन पर निर्भर नहीं करती है. आचार्य डॉक्टर विक्रमादित्य के अनुसार हर कुंडली में एक विशेष ग्रह होता है जो कुंडली का मूल होता है. इसे उस कुंडली की चाबी भी कहा जाता है. इस ग्रह के कमज़ोर होने पर कुंडली भी कमज़ोर हो जाती है. जानिए भिन्न राशि लग्नों में कैसे कुंडली को बेहतर किया जाए.
आज इस कार्यक्रम में प्रत्येक राशि से संबंधित, उपाय एवं उसके लाभ पर चर्चा करेंगे।
मेष लग्न
इस लग्न के लिए सूर्य चमत्कारी परिणाम देता है. सूर्य को मजबूत करके हर तरह की सफलता पायी जा सकती है. साथ ही हमेशा स्वास्थ्य को अच्छा रखा जा सकता है
उपाय - नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करना बेहद लाभकारी होता है
वृष लग्न
इस लग्न के लिए सब कुछ शनि ही है, शनि मजबूत रहे तो हर समस्या का समाधान हो जाता है. शनि को ठीक रखकर धन और सेहत की समस्या से बच सकते हैं. शनि को मजबूत करके वैभव और रिश्तों का वरदान मिलेगा. कोई भी बीमारी बड़ा रूप धारण नही कर पाएगी.
उपाय - हर शनिवार को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं
मिथुन लग्न
इस लग्न का कर्म और कर्म का फल दोनों बुध पर निर्भर है. बुध को ठीक रखकर अपनी सोच को ठीक रख सकते हैं. साथ ही आर्थिक मजबूती पा सकते हैं. बुध के कमजोर होने पर बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है
उपाय- नित्य प्रातः भगवान गणेश की उपासना सर्वाेत्तम होगी