डीएनए हिंदीः ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में व्यक्ति के भविष्य के बारे में तो जान ही सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ज्योतिषि (Jyotish Shastra) के कई ग्रंथों में ऐसे नियमों के बारे में बताया गया है जो व्यक्ति के चरित्र के बारे में जानकारी देते हैं. ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति के चरित्र पर प्रभाव पड़ता है. व्यक्ति के चरित्र को प्रभावित करने के लिए कई ग्रह जिम्मेदार होते हैं. इन ग्रहों और व्यक्ति के चरित्र के बारे में जानकारी देने वाले ज्योतिष (Jyotish Shastra) के नियमों के बारे में बताते हैं.
1. सूर्य-शनि, चंद्र-शनि और सूर्य-चन्द्रमा की युति से व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है. कुंडली में प्रकार की युति होने से जातक को अपने रिश्तों को मजबूती से नहीं संभाल पाता है.
2. लग्न भाव में मंगल शुक्र क युति से जातक किसी एक व्यक्ति से संतुष्ट नहीं होता है. इसका प्रभाव बहुत ही अशुभ होता है हालांकि इस युति में गुरु के शामिल होने से यह युति अच्छी हो जाती है.
3. जातक की कुंडली में गुरु शनि की युति से चरित्र बेहद बलवान हो जाता है.
4. सूर्य चंद्र और चंद्र मंगल और बुध की युति होने से जातक स्त्री में रूचि लेता है.
5. गुरु शनि या गुरु शुक्र की युति होने से जातक के मन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. इसी युति के दो लोग आपस में प्रेमी हो तो वह एक-दूसरे को धोखा नहीं देते हैं.
6. जातक की कुंडली में मंगल, शुक्र और राहु का सप्तम और अष्टम भाव में होने से उसका कई लोगों के साथ संबंध होता है. ऐसी युति वाले पुरुष का कई महिलाओं से संबंध होता है वहीं जिस महिला की कुंडली में यह युति हो उसके कई सारे मित्र होते हैं.
7. बुध के शुक्र लग्न में होने या सप्तम भाव में होने और मंगल की दृष्टि पड़ने से व्यक्ति संदेहपूर्ण होता है.
8. सप्तम भाव में शुक्र की दूसरे भाव के स्वामी ग्रह के साथ युति बन रही हो. मंगल और राहु की दृष्टि भी पड़ रही हो तो ऐसे पुरुष की महिलाओं से घनिष्ट मित्रता होती है. ऐसे लोग कामातुर होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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