Astrology Secret: वैशाख माह में शिवलिंग के ऊपर क्यों बांधी जाती है गलंतिका, जानिए समुद्र मंथन से क्या है इसका कनेक्शन 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 11, 2023, 12:51 PM IST

जानिए वैशाख माह में शिवलिंग के ऊपर क्यों बांधी जाती है गलंतिका 

Astrology Secret: शिवजी के हर मंदिर में शिवलिंग के ऊपर एक पानी से भरी मटकी बांधी जाती है, ताकि इससे भगवान शिव के शरीर के तापमान सामान्य रहे. यहां जानिए इसके बारे में. 

डीएनए हिंदी: वैशाख मास शुरू हो चुका है, जो 5 मई तक चलेगा. इस पवित्र माह में शिवलिंग के ऊपर एक पानी से भरी मटकी बांधने की परंपरा है. (Hindu Traditions) इस मटकी से बूंद-बूंद कर पानी शिवलिंग पर गिरता रहता है. अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा (Shivling Galantika) कि आखिर वैशाख मास में ही ऐसा क्यों किया जाता है और इस परंपरा का क्या महत्व है, तो आज हम आपको अपने इस लेख में इसी परंपरा के बारे में (Vaishakh Month 2023) बताने वाले हैं. 

दरअसल इससे जुड़ी कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं. इसके अलावा इस परंपरा से जुड़ी कई और भी खास बातें हैं, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में.

इस मटकी को कहते हैं गलंतिका

शिवलिंग के ऊपर पानी से भरी जो मटकी बांधी जाती है, उसे गलंतिका कहते हैं. गलंतिका का शाब्दिक अर्थ है जल पिलाने का बर्तन या करवा. गलंतिका में नीचे की ओर एक छोटा सा छेद होता है जिसमें से एक-एक बूंद पानी शिवलिंग पर निरंतर गिरता रहता है. गलंतिका मिट्टी या किसी अन्य धातु की भी हो सकती है. इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि गलंतिका का पानी खत्म न हो. 

यह भी पढ़ें - Shaniwar Upay: शनि प्रकोप से हैं परेशान तो शनिवार को करे ये अचूक उपाय, दूर होगा साढ़ेसाती का कष्ट

क्या है इस परंपरा से जुड़ी कथा

धर्म ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन करने पर सबसे पहले विष निकला, जिससे देवी-देवता समेत पूरे संसार में त्राहि-त्राहि मच गई. ऐसे में शिवजी ने उस विष को अपने गले में धारण कर लिया था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास में जब अत्यधिक गर्मी पड़ने लगती है उस विष के कारण शिवजी के शरीर का तापमान में बढ़ने लगता है और उस तापमान को नियंत्रित रखने के लिए ही शिवलिंग पर गलंतिका बांधी जाती है. जिसमें से बूंद-बूंद टपकता जल शिवजी को ठंडक पहुंचाता हैं. 

क्यों चढ़ाया जाता है शिवजी को जल

इसके अलावा शिवलिंग पर प्रतिदिन लोगों द्वारा जल चढ़ाया जाता है, इसके पीछे भी यही कारण है कि शिवजी के शरीरा का तापमान सामान्य रहे. गर्मी के दिनों तापमान अधिक रहता है, यही कारण है कि इस समय गलंतिका बांधी जाती है ताकि निरंतर रूप से शिवलिंग पर जल की धारा गिरती रहे. 

यह भी पढ़ें - Abhijit Muhurat: कार्य सफलता के लिए जरूरी है अभिजीत मुहूर्त, सप्ताह में केवल 1 दिन नहीं मिलता ये शुभ समय

इस बात का रखें खास ध्यान

वैशाख मास में शिवजी के हर मंदिर में शिवलिंग के ऊपर गलंतिका बांधी जाती है. अगर आप भी बांधने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि गलंतिका में डाला जाने वाला जल पूरी तरह से शुद्ध हो. क्योंकि ये जल शिवलिंग पर गिरता है इसलिए इसका शुद्ध होना जरूरी है. किसी अपवित्र स्त्रोत से लिया गया जल गलंतिका में डालने से भविष्य में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Hindu Tradition Astrology Secret Lord Shiva Shivling Galantika Vaishakh Month 2023