डीएनए हिंदी: व्यक्ति की कुंडली (Kundli) में ग्रहों की स्थिति से उसके जीवन पर प्रभाव पड़ता है. ग्रहों के शुभ स्थिति में होने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है जबकि विपरीत परिस्थितियों में यह अशुभ फल देते हैं. ग्रहों का संबंध रोगों (Diseases Related To Planet) से भी होता है. व्यक्ति को ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण कई तरह के रोग हो जाते हैं. पेट संबंधित रोगों के लिए देव गुरु बृहस्पति (Jupiter Planet) को जिम्मेदार माना जाता है. खाना पचाने के लिए सूर्य ग्रह सहायता करते हैं. आंतों की प्रक्रिया को राहु संचालित करते हैं हालांकि बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet) को ही पेट संबंध रोगों (Stomach Related Diseases) का कारक माना जाता है.
बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet)
बृहस्पति ग्रह हमेशा ही शुभ फल प्रदान करता है यह विपरीत परिस्थितियों में भी शुभ फल देता है. बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु भी माना जाता है यहीं कारण है कि इसे देव गुरु बृहस्पति भी कहते हैं. प्राचीन ग्रंथों में भी बृहस्पति ग्रह का वर्णन किया गया है. शब्दकल्पद्रुम संस्कृत के आधुनिक युग का एक महाशब्दकोश हैं इसके अंदर देव गुरु बृहस्पति को अंगिरस ऋषि का पुत्र बताया गया है. श्रीमद्भागवत गीता और महापुराण में भी बृहस्पति ग्रह का जिक्र किया गया है.
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बृहस्पति ग्रह से होने वाले रोग (Jupiter Related Diseases)
ज्योतिष शास्त्रों में ग्रहों के कमजोर होने से व्यक्ति को उस ग्रह से संबंधित रोग का सामना करना पड़ता है. बृहस्पति ग्रह से संबंधित कई रोगों के बारे में ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है. बृहस्पति के कमजोर होने से गैस्ट्रिक ट्रबल, रसोली, मोतीझरा, मोटापा और लीवर किडनी की समस्या होती है. कई पेट से संबंधित बीमारियों के लिए भी बृहस्पति ग्रह जिम्मेदार होता है. देव गुरु बृहस्पति के अशुभ फलों के कारण पाचन संबंधित समस्याएं होती हैं. बृहस्पति के कमजोर होने से मोतीझरा की शिकायत भी हो सकती है.
बृहस्पति के उपाय (Remedy of Jupiter)
बृहस्पति से संबंधित परेशानियां और रोग होने पर आपको इसके उपाय करने चाहिए. बृहस्पति को बुद्धि, सम्मान और धन, पुत्र से संबंधित माना जाता है. ऐसे में इनसे संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए आपको ज्योतिष शास्त्र में बताएं गए इन नियमों को करना चाहिए. बृहस्पति की कमजोर स्थिति को दूर करके आप इन सभी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.
- बृहस्पति ग्रह का संबंध पीले रंग से होता है ऐसे में नहाते समय पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. ऐसा करने से देव गुरु बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है.
- बृहस्पतिवार के दिन को बृहस्पति गुरु के लिए खास माना जाता है. इस दिन विद्यार्थि को पढ़ाई की चीजों का दान करना चाहिए. निर्धन विद्यार्थियों की मदद करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होते हैं.
- बृहस्पति ग्रह का भगवान विष्णु से संबंध होता है और एकादशी तिथि को भगवान विष्णु से संबंधित माना जाता है. एकादशी व्रत करने से भी देव गुरु बृहस्पति की स्थिति को मजबूत कर अशुभता को दूर कर सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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