Astrology : नाराज़ हैं ग्रह तो हो सकता है यह प्रभाव

| Updated: Apr 28, 2022, 12:18 PM IST

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के प्रभाव दुष्प्रभाव पर बहुत बातें होती हैं. किसी ग्रह के नाराज़ होने से क्या हो सकता है.

डीएनए हिंदी : ज्योतिष शास्त्र(Astrology) ग्रहों के प्रभाव पर विशेष ज़ोर देता है. किसी ख़ास ग्रह का आप पर रुष्ट होना भाग्य में खोट पैदा कर सकता है. जानिए किन ग्रहों के खफा होने पर आप पर क्या असर हो सकता है.

सूर्य के अशुभ प्रभाव
अहंकार इतना अधिक होना कि स्वयं का नुकसान करते जाना, पिता के घर से अलग होना, कानूनी विवादों में फंसना और संपति विवाद होना, पत्नी से दूरी, अपने से बड़ों से विवाद, दांत, बाल, आंख व हृदय रोग होना . सरकार की ओर से नोटिस मिलना व सरकारी नौकरी में परेशानी आना भी सूर्य के दुष्प्रभाव हैं .

चंद्र के अशुभ प्रभाव
घर-परिवार के सुख और शांति की कमी, मानसिक रोगों का होना, बिना कारण ही भय व घबराहट की स्थिति बनी रहना, माता से दूरियां, सर्दी-जुकाम रहना, छाती सम्बंधित रोगों का बना रहना और कार्य तथा धन में स्थिरता रहना .

मंगल के अशुभ प्रभाव
अत्यधिक क्रोध व चिड़चिड़ापन मंगल के अशुभ प्रभावों में से एक है . भाइयों से मनमुटाव और आपसी विरोध मंगल के कारण ही होता है . रक्त में विकार होना और शरीर में खून की कमी मंगल के कमजोर होने की निशानी है . जमीन को लेकर तनाव व झगड़ा, आग में जलना और चोट लगते रहना, छोटी-छोटी दुर्घटनाओं का होता रहना मंगल के अशुभ प्रभावों के कारण ही होता है .

गुरु के अशुभ प्रभाव
जिनका सम्मान करना चाहिए उनसे ही अनबन हो, समाज के सामने बदनामी हो और मान-सम्घ्मान न हो तो समझ लीजिए गुरू आपसे नाराज है . बड़े अधिकारियों से विवाद हाो धर्मिक ढोंग के साथ अधर्म के काम करना, अनैतिक कार्य करना, पाखंड से धन कमाना, स्त्रियों से अनैतिक संबंध बनाना, संतान दोष, मोटापा और सूजन गुरू के अशुभ प्रभाव हैं .

शुक्र के अशुभ प्रभाव
शुक्र यदि अशुभ प्रभाव दे तो यौन सुख को कम करता है . गुप्त रोग, विवाह में रूकावट, प्रेम में सफलता, हृदय का अत्यधिक चंचल हो जाना, प्रेम में धोखे की प्रवृत्ति शुक्र में अशुभ होने के लक्षण हैं . चेहरे के आकर्षण में कमी .

 

(जानकारी सूत्र आचार्य डॉक्टर विक्रमादित्य)