डीएनए हिंदी: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब दो ग्रह किसी राशि में प्रवेश (Rashi Parivartan 2023) करते हैं तब शुभ या अशुभ योग का निर्माण होता है. जिसका सीधा असर व्यक्ति की कुंडली और राशि (Rashi) पर पड़ता है. कई बार यह योग व्यक्ति के लिए अत्यंत लाभदायक होता है. वहीं कुछ योग के बनने से व्यक्ति तमाम तरह की परेशानियों से घिर जाता है.
साल 2023 के शुरुआत में ही कई ग्रह अपनी राशि बदल चुके हैं. ठीक ऐसे ही अप्रैल माह में बृहस्पति ग्रह (Brihaspati Grah) भी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. इस स्थिति में गुरु चांडाल योग (Guru Chandal Yog 2023) का निर्माण होगा, जिसे ज्योतिष शास्त्र में बेहद अशुभ माना जाता है. आइए जानते हैं इस अशुभ योग के बारे में
बृहस्पति देव और राहु के युति से बन रहा है यह योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब बृहस्पति देव और राहु की युति होती है तो गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है. ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में इस योग का निर्माण होगा उन्हें अगले 6 महीने यानी 23 अप्रैल 2023 से 30 अक्टूबर 2023 तक बहुत ही सावधान रहना होगा.
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23 अप्रैल को बृहस्पति देव मेष राशि में प्रवेश करेंगे जहां राहु पहले से ही विराजमान होंगे. ऐसे में जब इन दोनों ग्रहों का मिलन होगा तो इसका दुष्प्रभाव विशेष राशि के जातकों को भुगतान पड़ेगा.
कुंडली में चांडाल योग देता है अशुभ फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में चांडाल योग बनता है उनकी जिंदगी में नकारात्मकता बढ़ जाती है. ऐसे लोग अपनी इच्छापूर्ति के लिए सभी सीमा पार कर देते हैं. इसके अलावा वो गलत और सही की समझ भूल जाते हैं. इतना ही नहीं चाडांल योग से प्रभावित जातक कट्टरवादी और हिंसक बन जातें हैं.
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गुरु चांडाल योग के प्रभाव से बचने के लिए जरूर करें ये उपाय
जिन लोगों की कुंडली में चांडाल योग बन रहा है उन्हें गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें पीला चंदन अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा गुरुवार के दिन केले की पूजा करने से भी चांडाल योग का दुष्प्रभाव कम हो जाता है. जिन लोगों की कुंडली में गुरु चांडाल योग बन रहा है उन्हें गुरु चांडाल दोष निवारण की पूजा जरूर करनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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