Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 को होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, 5 दिन पहले शुरू होंगे विधि विधान

Written By ऋतु सिंह | Updated: Sep 15, 2023, 06:50 AM IST

Ram Mandir

अयोध्या में राम लल्ला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त का ऐलान हो गया है.

डीएनए हिंदीः राम मंदिर का काम जोर पर है और जनवरी माह में राम लल्ला की प्रतिमा का मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा किया जाना हैं. प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव और पूजा की रस्म 5 दिन पहले से ही शुरू हो जाएगी. मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही रामलला का नियमित दर्शन पूजन भी शुरू हो जाएगा.

रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का दिन 22 जनवरी 2024 तय हुआ है. दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. वाराणसी के ज्योतिषाचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ और उनके बड़े भाई विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने यह मुहूर्त निकाला है. बता दें कि इससे पहले ज्योतिषी बंधुओं ने 5 अगस्त 2020 को राम जन्मभूमि का भूमि पूजन मुहूर्त भी बताया था. इसके अलावा, 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम के शिलान्यास और 15 नवंबर 2021 को कनाडा से आई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की विश्वनाथ मंदिर में स्थापना का मुहूर्त भी इन्होंने ही निकाला था.

22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच होगी. इसी एक घंटे की अवधि में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. लेकिन मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित तमाम विधि विधान काफी लंबा होता है, इसलिए 5 दिन पहले यानी 17 जनवरी 2024 से मंदिर में सारे विधि विधान शुरू हो जाएंगे.

मकर संक्रांति के बाद शुरू होगा विधि-विधान

बता दें कि विधि विधान के लिए 5, 7 या 11 दिनों का वक्त निर्धारित होता है. लेकिन रामलला की मूर्ति की स्थापना 25 जनवरी के पहले करनी है और मकर संक्रांति के बाद ही विधि विधान शुरू होगा. इसलिए इन 5 दिनों में ही सभी कार्य पूरे करने होंगे और फिर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी.

मृगशीर्ष नक्षत्र बना रहा इस दिन को खास

इस मुहूर्त में खास बात यह है कि इसमें मृगशीर्ष नक्षत्र मिल रहा हैस जो अपने आप में बहुत खास है. यह मुहूर्त सर्वोत्र उत्कृष्ट है. इससे राष्ट्र का कल्याण होगा और राष्ट्र ऊपर शिखर की ओर बढ़ता जाएगा. इसमें लग्न भी सर्वदोष रहित है और बान भी नहीं मिल रहे हैं. शास्त्रों में पांच तरह के बान यानी अवरोधों का उल्लेख है  किया गया है जिसमें रोग, अग्नि, राज, चोर और मृत्यु है. मुहूर्त निकालते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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