डीएनए हिंदी: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) अपने भक्तों की समस्या सुनने के लिए दिव्य दरबार लगाते हैं. उनके दिव्य दरबार में माइक पर नाम पुकारने के बाद पर्चा लिखकर बिना पूछे ही समस्या का हल बताया जाता है. माइक पर नाम पुकारने और पर्चा लिखकर समस्या का समाधान करने का एक ऐसा ही नजारा मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) से भी सामने आया है. यह नजारा मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ जिले के छोटे से गांव जूनापानी का है. यहां पर बाबा हनुमंत दास (Hanumant Das) का दिव्य दरबार लगा हुआ है. यह धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के अंदाज में ही भक्तों की अर्जी सुनते हैं. यह खुद को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का शिष्य बताते हैं.
अर्जी सुनने का अंदाज है अनोखा
हनुमंत दास (Hanumant Das) मन में राम नाम जपने के साथ-साथ हनुमान जी को अपनी अर्जी सुनाने के लिए कहते हैं. हनुमंत दास (Hanumant Das) का मानना है कि राम नाम जपने से हनुमान जी तक अर्जी जल्दी पहुंचती हैं. वह 5 मिनट तक सभी से राम नाम का जाप कराने के बाद गदे को सीने से टच करते हैं. इसके बाद वह लोगों का नाम पुकारते हैं.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरह ही लगता है दरबार
हनुमंत दास (Hanumant Das) का दिव्य दरबार राजगढ़ के पास जूनापानी मंदिर परिसर में लगा था. यहां पर हनुमंत दास बिल्कुल बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) की तरह ही बैठते हैं. वह गले में हनुमान जी का लॉकेट और हाथ में गदा लेकर बैठते हैं. साथ ही अपने पास पैन और पेपर भी रखते हं. वह लोगों को माइक पर नाम लेकर बुलाते हैं. हनुमंत दास Hanumant Das) बिना पूछे ही लोगों को उनकी समस्या का समाधान पर्चे पर लिख देते हैं.
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बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के शिष्य
मध्यप्रदेश राजगढ़ जिले में दिव्य दरबार लगाने वाले हनुमंत दास स्वयं को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का शिष्य बताते हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरह दरबार लगाने वाले इन बाबा का कहना है कि इन्होंने मध्य प्रदेश के अशोक नगर में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी से गुरु दीक्षा ली है. इसी के बाद उन्होंने मंशापूर्ण धाम में दिव्य दरबार लगाना शुरू किया.
कौन हैं दिव्य दरबार लगाने वाले हनुमंत दास
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी की तरह ही दरबार लगाने वाले बाबा हनुमंत दास का नाम हनुमान दास सेनिल हैं. वह गुना जिले के राजोगढ़ में रहते हैं. उनके माता-पिता, दो भाई और एक बहन है. हनुमान दास सेनिल के पिता प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. हनुमान दास सेनिल ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई भी की हुई है. बाबा हनुमंत दास का 19 साल की उम्र में ही आध्यात्म और पूजा-पाठ में मन लग गया था. इसके बाद ही उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से गुरु दीक्षा लेकर दरबार लगाना शुरू किया था. वह करीब पिछले डेढ़ साल से दरबार लगा रहे हैं.
कब लगता है दरबार
हनुमंत दास का दिव्य दरबार हर मंंगलवार को राजगढ़ जिले के मुख्यालस से करीब 50 किलोमीटर दूर जूनापानी गांव के बाहर मंदिर परिसर में लगता है. दरबार मंगलवार को दोपहर 12 बजे से शाम को 5 बजे तक लगता है. हनुमंत दास अपनी दिव्य शक्तियों और हनुमान जी की कृपा से लोगों के मन की बात जान लेते हैं.
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