बुधवार 14 फरवर को आज बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन भू बैकुंठ में विराजमान भगवान विष्णु के धाम बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट खुलने की तिथि तय कर दी गई है. बसंत पंचमी के दिन नरेंद्र नगर स्थित राज दरबार में भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे ब्रह्म मुहूर्त में खोलने का ऐलान किया गया. जबकि शिवरात्रि पर केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Kapat) खुलने की तिथि घोषित की जाएगी.
राजपुरोहितों ने टिहरी नरेश महाराजा मनुज्येंद्र शाह ने कुंडली देखकर धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की है. बता दें कि परंपरा के अनुसार हर साल राजमहल में पंचांग गणना के बाद बराज पुरोहित बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का मुहूर्त निकालते हैं. मुहूर्त पूर्व टिहरी नरेश महाराजा मनुज्येंद्र शाह की कुंडली के आधार पर तय होता है.
नरेंद्रनगर राजमहल में आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने आज बसंत पंचमी पर वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ गणेश पूजन, पंचांग पूजन और चैकी पूजन के बाद महाराजा का वर्षफल और ग्रह नक्षत्रों की दशा देखकर भगवान कपाट खोलने की तिथि घोषित कीहै.
राजमहल को सौंपा गया तेल कलश
बसंत पंचमी के दिन ही श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले तेल कलश को श्री योग बदरी पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पूजा के पश्चात राजमहल को सौंपा जाता है और आज बसंत पंचमी पर ये परंपरा पूरी की गई
शिवरात्रि पर पंचांग गणना होगी
श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि (8 मार्च) के अवसर पर पंच केदार गद्दस्थल श्री ओकारेश्वर मंदिर उखीमठ (रुद्रप्रयाग) में पंचांग गणना पश्चात तय की जाएगी. इसके साथ ही श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी भोगमूर्ति के केदारनाथ धाम प्रस्थान का भी कार्यक्रम तय किया जाएगा.
तिल के तेल को पिरोने की गाढुघड़ा रस्म 25 अप्रैल को
इसके साथ ही भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक में इस्तेमाल होने वाले तिल के तेल को पिरोने की गाढुघड़ा रस्म 25 अप्रैल को राजमहल में होगी. मुहूर्त निकले जाने के अवसर पर राज परिवार के सदस्यों के साथ ही बदरीकेदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
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