Bageshwar Dham Sarkar को फिर मिला ओपन चैलेंज, 1 करोड़ की बाजी लगाने वाले आयुर्वेदाचार्य ने रखी ये शर्त

| Updated: Mar 11, 2023, 09:50 AM IST

पंडित धीरेंद्र शास्त्री

बागेश्वरधाम सरकार को उनके ही राज्य के एक शख्स ने ओपन चैलेंज देते हुए 1 करोड़ रूपये बाजी लगाई है. कौन है ये शख्स और क्या शर्त है, चलिए जानें.

डीएनए हिंदीः बागेश्वरधाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री को उनके ही राज्य मध्य प्रदेश के छितवाड़ा के आयुर्वेदाचार्य ने ओपन चैलेंज दिया है और इसके लिए उन्होंने लाख- दो लाख नहीं, बल्कि पूरे 1 करोड़ रूपये की बाजी लगाई हैं. आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि अगर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ये चैलेंज जीत गए तो वह उन्हें 1 करोड़ रुपये देंगें.

छिंदवाड़ा के एक आयुर्वेदाचार्य ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री पर समाज में अंधविश्वास फैलाने का भी आरोप लगाते हुए  उन्हें एक चैलेंज दिया है जिसमें कहा है कि अगर  बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री मेरे द्वार लिखे एक पर्चे को अपने पास से लिख कर दिखा दें तो वह उन्हें एक करोड़ रुपए देंगें. इसके लिए आयुर्वेदाचार्य ने एक शर्त भी रखी है, 

इस शर्त के तहत अगर धीरेंद्र शास्त्री ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें 11 लाख रुपए उनको देने होंगे. आयुर्वेदाचार्य ने पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास का आरोप लगाने के साथ उन्होंने उनपर लोगों की  प्राइवेसी भंग करने का भी आरोप लगाया. उनका आरोप है की पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के पास लोग अपने दुख लेकर आते हैं और वो मंच से लोगों की प्राइवेट बातें बताने लगते हैं. ये सीधे-सीधे लोगों की प्राइवेसी का हनन है. उन्होंने कहा धीरेंद्र शास्त्री अगर ये चैलेंज हार गए और उन्हें 11 लाख रुपए मिले तो वह उन पैसों से सड़क बनवाएंगे.

इससे पहले भी मिला था पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री को 30 लाख का चैलेंज

बता दें कि अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने भी इससे पहले पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री को 30 लाख का चैलेंज दिया था . अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव का कहना था कि अगर धीरेंद्र शास्त्री उनके सामने अपनी बातों को साबित कर दें तो वो उन्हें तीस लाख रुपए देंगे. अब वही चैलेंज छिंदवाड़ा के आयुर्वेदाचार्य ने दिया है. दोनों चैलेंज में फर्क ये है कि अब चैलेंज की राशि बढ़कर तीन गुना से ज्यादा हो गई है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.