Bageshwar Dham Sarkar की कमाई सुनकर उड़ जाएंगे होश, धीरेंद्र शास्त्री ने खुद दिया 'संपत्ति' का ब्यौरा

ऋतु सिंह | Updated:Mar 02, 2023, 03:51 PM IST

Bageshwar Dham Sarkar

बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भक्तों में बड़े-बड़े वीआईपी और नेता है. ऐसे में बाबा को चढ़ावा भी जबरदस्त ही मिलता होगा?

डीएनए  हिंदीः 26 साल की उम्र में बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने अनगिनत भक्त बना लिए हैं. मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित एक गांव में कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपना दरबार लगाते- लगाते अचानक से चर्चा में आए और छा गए हैं. बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के मन की बात जान लेने की कला से लेकर प्रयागराज में संतसमागम  दरबार लगाने तक को लेकर बागेश्वर धाम सुर्खियों में बने रहे हैं.

बागेश्वर धाम के जीवन के बारे में जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं और अब तो खुद बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री ने ही अपने लाइफ और कमाई के बारे में बता दिया है. इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री से उनकी संपत्ति को लेकर सवाल किया गया. पूछा गया कि उनकी कमाई कितनी है?

इसका जवाब देते हुए बागेश्वर धाम के प्रमुख ने कहा, हमारी तो कोई फिक्स कमाई नहीं है. क्योंकि हमारी कोई कंपनी या बिजनेस नहीं है . कोई चढ़ा जाता है. हमारे पास करोड़ों सनातनियों का प्यार, लाखों करोड़ों लोगों की दुआएं, हजारों संतों का आशीर्वाद है, इतनी हमारी कमाई है.

एक अन्य सवाल कि रुपये-पैसे का हिसाब किताब कोई तो रखता होगा? कितना पैसा आया? इस सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- जितने सनातनी उतनी कमाई, हिसाब आप लगा लो.

बागेश्वर धाम के प्रमुख से जब ये सवाल हुआ कि क्या वह लोगों से कहते हैं कि जितना चाहे दान दे दो, माकन, फ्लैट, घोड़ा, गाड़ी, एफडी, सोना-चांदी दे दो? तो धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि 'इसमे हमारा डिस्क्लेमर रहता है. हम माइक पर ठोककर बोलते हैं कि यहां कोई किसी तरह का फीस, दक्षिणा नहीं लगता है. पर अगर तुम खुद को शिष्य मानते हो अपने आप को और हम गुरु हैं, आप गुरु परंपरा के अनुसार कुछ भी देना चाहे तो दे दो.

बागेश्वर धाम के प्रमुख ने खुलकर कहाक कि लेना बुरा नहीं है, उपयोगिता बुरी है. लेकर उसका सदउपयोग करते हैं दुरुपयोग करते हैं, कोई देता है तो हम गुरु के नाते लेते हैं. हम उस परंपरा से हैं जहां अंगूठा तक गुरु को दे दिया जाता है. हम भी लेते हैं.

अपने बचपन के संघर्ष के बारे में बताते हुए बागेश्वर धाम के प्रमुख ने बताया कि उनका जीवन बहुत अभाव में गुजरा था. एक छोटी कच्ची छोपड़ी में पिता जी, मां, मैं, छोटा भाई और बहन, पांचों लोग उसी में रहते थे. उसी में भगवान का भी स्थान था. दादा गुरु जी निर्मोही अखाड़े से संत थे तो उन्हें परिवार से ज्यादा मतलब नहीं था. बड़ा अभाव में गुजरा हमारा जीवन . हमारा जीवन बहुत विचित्र स्थितियों से गुजरा. लेकिन अभाव ने प्रभाव की महिमा बताई और आज प्रभाव ने अभाव कि महिमा बताई.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Dhirendra Shastri Bageshwar Dham Sarkar