डीएनए हिंदी: दिवाली का उत्सव घरों में ही नहीं बल्कि कई प्रसिद्ध मंदिर हैं वहां भी धूमधाम से मनाया जाता है. वृन्दावन, मथुरा स्थित ठाकुर बांकेबिहारी का मंदिर विश्व विख्यात है, हर साल लाखों के अंदाज़ में भक्त ठाकुरजी के दर्शन के लिए आते हैं. इस साल शरद ऋतु नवाचार लेकर आई है. ठाकुर बांकेबिहारी के भोग में भी बदलाव देखने को मिलेगा. दीपावली उत्सव के बाद ठाकुरजी को चढ़ाये जाने वाले भोग में गरिष्ठ पदार्थों की मात्रा में बढ़ोतरी होगी अर्थात सात पंचमेवा भी परोसा जाएगा, ठाकुर जी के दर्शन के समय में भी बदलाव हो रहा है, क्या है इस पंचामृत का महत्व
दीपावली के बाद बांकेबिहारी मंदिर के दर्शन का नया समय
शरद ऋतू के आगमन को देखते हुए मंदिर के दर्शन समय को परिवर्तित किया जा रहा है. अब ठाकुर जी के दर्शन प्रातः 7.45 से आरम्भ होगा. 27 अक्टूबर से मंदिर के कपाट प्रातः 8.45 बजे से खुलेंगे और सांय 8.30 बजे शयन भोग आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे, वर्तमान में, मंदिर के कपाट रात्रि 9.30 बजे बंद हो रहे हैं. बांकेबिहारी मंदिर में भोगराग सेवा और दर्शन समय में ऋतु के अनुसार में बदलाव समय प्रति समय किया जाता रहा है.
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ठाकुरजी को सर्दी से बचाव के लिए गर्म दूध व पंचमेवा की मात्रा में बढ़ोतरी
मंदिर सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी के अनुसार, ठाकुरजी को सर्दी से बचाव को देखते हुए, सेवायत विशेष इंतजाम करते रहते हैं. वर्तमान में, ठाकुरजी को अधिक मात्रा में दूध-दूही और ठन्डे पदार्थों का भोग लग रहा था. अब तरावटी पदार्थ, जैसे गर्म दूध और पंचमेवा की मात्रा में इजाफा किया जाएगा, ऐसा ठाकुरजी को शरद ऋतू के प्रभाव से बचाया जा सकेगा
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मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा के अनुसार, दीपावली के बाद 27 अक्टूबर से मंदिर के दर्शन समय में बदलाव किया जा रहा है. इस दिन मंदिर के कपाट, प्रातः 8.45 बजे दर्शन खुलेंगे और दोपहर 1 बजे तक ठाकुरजी के दर्शन किये जा सकेंगे. संध्या के समय, सांय 4.30 बजे ठाकुर जी के दर्शन किये जा सकेंगे और रात्रि 8.30 बजे शयनभोग आरती के बाद कपाट को बंद कर दिया जायेगा, मंदिर का यह समय अगले वर्ष होली के दिन यानी 8 मार्च 2023 तक चलेगा
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