Banke Bihari Mandir: इस एकादशी पर फूलों से सजेगा बांकेबिहारी का फूल बंगला, जानें कब से चली आ रही ये परंपरा

नितिन शर्मा | Updated:Apr 15, 2024, 06:55 AM IST

इस बार कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 19 अप्रैल को है. इसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण का फूलबंगला सजना शुरू हो जाता है. अगले 4 महीनों तक यह प्रक्रिया जारी रहती है. हालांकि इस सेवा को पाने के लिए लोग महीनों पहले इस कतार में लग जाते हैं.

Banke Bihari Phool Bungalow: हिंदू धर्म एकादशी का बड़ा महत्व है. हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक एक एकादशी आती हैं. इन्हीं में से एक कामदा एकादशी है. इस बार कामदा एकादशी 19 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस एकादशी पर बांके बिहारी को देसी विदेशी फूलों से सजाया जाता है. भगवान फूल बंगले (Fool Bangla) में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं. भगवान का फूल बंगला अगले 4 महीने तक सजाया जाता है. ताकि बांके बिहारी को तपती गर्मी से बचाया जा सके. उन्हें फूलों की शीतलता दी जा सके.  

वृंदावन में बांके बिहारी के (Banke Bihari Mandir) फूलबंगला सजाने का यह क्रम एकादशी से शुरू होकर अगले 4 महीने यानी हरियाली अमावस तक चलेगा. यहां सुबह राजभोग और शाम को शयनभोग सेवा के दौरान अलग-अलग तरह के फूलबंगला में विराजकर ठाकुरजी भक्तों को दर्शन देंगे.

इसलिए सजता है फूलबंगला

वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में कामदा एकादशी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसी दिन से ठाकुरजी का बंगला फूलों से सजाया जाता है. कहा जाता है कि इसकी शुरुआत प्रकाट्यकर्ता स्वामी हरिदास जी ने की थी. स्वामी जी ने यह शुरुआत ठाकुर जी को गर्मी से बचाने के लिए की थी. भगवान को तपती गर्मी में शीतलता पहुंचाने के लिए अलग अलग फूलों से उनका बंगला सजाया जाता है. पत्तियों और फूलों का डोल सजाकर भावसेवा की जाती है. यही परंपरा वर्षों से चलती आ रही है. अब फूल बंगले को देश ही नहीं, विदेशी फूलों से भी सजाया जाता है. 

हर दिन 4 घंटे में तैयार होता है फूलबंगला

एकादशी से सजना शुरू होने वाला फूलबंगले का डिजाइन हर दिन अलग होता है. इसे अलग अलग तरीकों से सजाया जाता है. इसमें एक से एक अच्छे फूल और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. फूल बंगला सजाते समय मंदिर के पट बंद कर दिये जाते हैं. फूल बंगले को सजाने में 4 घंटे का समय लगता है. हालांकि, फूलों की सफाई, विदेशी फूलों का मत्था, तोरण पहले ही तैयार कर ली जाती है. मंदिर में भगवान को सजाने के लिए जरूरी फूल और पत्तियां हर दिन सुबह सवेरे ही पहुंच जाते हैं. 

इन जगहों के फूलों का होता है इस्तेमाल

फूल बंगला सजाने में सिर्फ वृंदावन ही नहीं, देश के अलग अलग हिस्सों फूल और पत्ते मगाएं जाते हैं. साधारण बंगलों में स्थानीय फूल और बड़े बंगला में राजधानी दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद, बंगलुरु और हैदराबाद से फूल मगाएं जाते हैं. इसमें गेंदा से लेकर गुलाब, जूही, चंपा, कमल, केतकी और मोगरा समेत दूसरे फूलों का इस्तेमाल किया जाता है. 

बंगला सजाने के लिए लोग नंबर का करते हैं इंतजार

फूलबंगला सेवा प्राप्त करने के लिए हर साल लाखों लोग बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir) पहुंचते हैं. सह फूल बंगला सेवा प्राप्त करने के लिए लालायित रहते हैं. इन्हीं में से एक कुछ लोगों का नंबर आ जाता है. वहीं बहुत से लोग इससे वंछित रह जाते हैं. महीनों पहले फूलबंगला सेवा के लिए बुकिंग शुरू हो जाती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Kamada Ekadashi 2024 Kamada Ekadashi 2024 Date