Babies Name Rule: बच्चे का नाम रखते समय इन नियमों का रखें ध्यान, वरना दुर्भाग्य से घिर जाएगी संतान

Written By ऋतु सिंह | Updated: Dec 20, 2023, 10:14 AM IST

Namkaran Sanskar Niyam

घर में जब बच्चे का जन्म होने के बाद से ही उसके नाम को चुनने के लिए मशक्कत शुरू हो जाती है.हिंदू धर्म के अनुसार बच्चे का नामकरण एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्कार है लेकिन अगर जरा सी चूक हो जाए तो बच्चे का भविष्य अंधकारमय हो जाता है.

डीएनए हिंदीः हिंदू परिवार में विभिन्न रीति-रिवाजों का पालन करना पड़ता है. इनमें सबसे पहला रिवाज है जन्म के बाद बच्चे का नामकरण. नामकरण हिंदुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्कार है. क्योंकि नाम ही हमारी पहली पहचान है. नाम हर व्यक्ति की एक पहचान होता है, जिसे वह जीवनभर धारण करता है.

इसीलिए शास्त्रों में बच्चे का नामकरण पूरे विधि-विधान से करने का विधान है. यदि नाम शुभ नहीं है तो इसका बच्चे पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है. जानिए बच्चे का नाम रखने से पहले ध्यान रखने योग्य कुछ बातें.

शुभ दिन

बच्चे का नाम रखने के लिए पहले से ही कोई शुभ दिन चुनें. किसी भी दिन का नाम मत रख लें. ध्यान रहे नामकरण के दिन अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या या पूर्णिमा नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा चतुर्थी, नवमी और रिक्ता तिथि पर बच्चे का नामकरण न करें.

तारीख

बच्चे का नाम रखने के लिए किसी भी महीने की 1, 2, 3, 5, 6, 7, 10, 11, 12 और 13 तारीख चुनना बेहतर होता है. ऐसा माना जाता है कि इन तिथियों पर बच्चे का नामकरण करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं. इन दिनों आप अपने बच्चे का नाम किसी भी देवी-देवता के नाम पर रख सकते हैं.

ब्राह्मण भोजन कराएं

शास्त्रों में कहा गया है कि जन्म के समय तिथि नक्षत्र देखकर बच्चे का नाम रखना बहुत शुभ होता है. क्योंकि जन्म के समय का तिथि नक्षत्र भी उसकी जन्मकुंडली से बनता है. नामकरण के दिन भगवान को साक्षी मानकर यज्ञ का आयोजन करें. उनके साथ ब्राह्मण भोजन कराने से आपके बच्चे का भावी जीवन सुखी और सुंदर बनेगा.

नाम का उच्चारण

नामकरण के दिन बच्चे को सूर्य दिखाएं. फिर बच्चे के दादा-दादी और माता-पिता उसके दाहिने कान में उसका नाम फुसफुसाते हैं. भगवान को भोग जरूर लगाएं.

ऊं और स्वस्तिक

बेहतर होगा कि शिशु का नामकरण संस्कार अपने निवास स्थान पर ही आयोजित करें. हालाँकि, अगर घर पर यज्ञ करना सुविधाजनक न हो तो आप इसे मंदिर में भी कर सकते हैं. नामकरण संस्कार के समय पूजा के कलश पर ॐ और स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. घड़े के गले में रेशम का धागा बांध दें.

जन्म कुण्डली

यदि बच्चे का नाम जन्म कुंडली और जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को देखकर रखा जाए तो यह बच्चे के भविष्य के चरित्र के अनुरूप होगा. यदि जन्म कुंडली को देखे बिना नाम रखा जाए तो यह नाम बच्चे के लिए अशुभ हो सकता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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