Sankashti Chaturthi 2023: हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, विघ्नहर्ता दूर करेंगे सभी कष्ट

Written By Aman Maheshwari | Updated: Sep 02, 2023, 07:33 AM IST

फोटो साभारः सोशल मीडिया

Heramba Sankashti Chaturthi Vrat 2023: भादो महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है.

डीएनए हिंदीः पंचांग के अनुसार, सभी चतुर्थी तिथि का भगवान गणेश जी की पूजा के लिए विशेष महत्व होता है. चतुर्थी का व्रत (Chaturthi Vrat 2023) करने से विघ्नहर्ता सभी दुखों को दूर करते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. अब भादो महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी (Bhadrapad Chaturthi 2023) तिथि को हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी व्रत (Heramba Sankashti Chaturthi 2023) रखा जाएगा. भादो की कृष्ण पक्ष चतुर्थी का व्रत करने से भक्तों को गणेश जी की कृपा से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. इस दिन को बहुला चतुर्थी (Bahula Chaturthi 2023) के रूप में भी मनाया जाता है. आइये आपको हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी व्रत की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताते हैं.

हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी 2023 डेट (Heramba Sankashti Chaturthi 2023 Date)
भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 2 सितंबर को रात 08ः49 पर शुरू हो रही है. जिसका समापन 3 सितंबर को शाम 06ः24 पर होगा. ऐसे में सूर्य उदय तिथि को महत्व देते हुए हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी और बहुला चतुर्थी व्रत 3 सितंबर को रखा जाएगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और वृद्धि योग बन रहा है. यह योग पूजा के लिए बहुत ही शुभ होता है.

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हेरम्बा संकष्टी चतुर्थी पूजा मूहूर्त और विधि (Heramba Sankashti Chaturthi Puja Muhurat And Vidhi)
संकष्टी चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7ः35 से 10ः45 तक रहेगा. शाम की पूजा का मुहूर्त शाम 6ः41 से रात को 9ः21 तक होगा. चंद्रमा उदय का समय रात 8ः57 होगा. संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाए. इसके बाद भगवान गणेश जी की विधि पूर्वक पूजा करें. गणेश जी को फल और दूर्वा चढ़ाएं. भगवान गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं. पूजा के बाद गणेश जी की आरती करें.

श्री गणेश आरती (Shree Ganesh Aarti)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा,
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी,
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया,
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा
लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा,
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
दीनन की लाज राखो, शंभु सुतवारी,
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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