Career Kundali: जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति से जानें अपने लिए कौन सा प्रोफेशन है बेस्ट, मेहनत के साथ ग्रहों से भी मिलेगी मदद

नितिन शर्मा | Updated:Jan 31, 2024, 10:10 AM IST

कुंडली के हिसाब से कार्य करने पर व्यक्ति को आगे करियर से लेकर शादी और समाज में मान सम्मान और तरक्की मिलती है. ग्रहों का संयोग और उनकी प्रबलता व्यक्ति को सफलता दिलाने में मदद करती है. 

डीएनए हिंदी: (Which Profession Best According Grahyog In Kundali) हिंदू धर्म में ज्योतिष का बड़ा महत्व है. इसी के अनुसार, व्यक्ति के जन्म के साथ कुंडली में ग्रहों की चाल उसका लेखा जोखा तैयार कर देती है. कुंडली के हिसाब से कार्य करने पर व्यक्ति को आगे करियर से लेकर शादी और समाज में मान सम्मान और तरक्की मिलती है. यही वजह है कि क्लासरूप में शिक्षा के लिए सभी विद्यार्थी समान होते हैं. शिक्षक उन्हें एक जैसी शिक्षा भी देते हैं, लेकिन कुछ लोग बहुत बेहतर कर जाते हैं और कुछ पीछे रह जाते हैं. इसकी वजह मेहनत के साथ ही कुंडली में ग्रहों की चाल से है. ज्योतिष की मानें तो कुंडली में पढ़ाई, ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करती है. ग्रहों का कॉबिनेशन ​व्यक्ति को उसके विषय और रुचि के साथ जल्द समझने की क्षमता देता है. यह उसे आगे बढ़ाते हैं. आइए जानते हैं कुंडली में किन नौ ग्रहों के कौन से स्थान में बैठने पर करियर के लिए विशेष योग बनते हैं. इन्हीं का असर व्यक्ति पर पड़ता है, जो अपने कुंडली और रुचि अनुसार प्रोफेशन को चुनता है. वह करियर में तरक्की करता है और आगे बढ़ता है. 

कुंडली के इस भाव में बैठे ग्रह दिलाते है ये प्रोफेशन

-ज्योतिष की मानें तो किसी भी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में बैठे ग्रह व्यक्ति के प्रोफेशन का फैसला करते हैं. ग्रह व्यक्ति की रुचि को जिस तरफ बढ़ाते हैं. उसी चीज को अपना प्रोफेशन बनाने पर व्यक्ति को करियर में सफलता प्राप्त होती है. 

लेखक से लेकर डॉक्टर तक बनाता है ग्रहों का ये योग

-कुंडली में सूर्य और मंगल ग्रह के दसवें भाग के अंदर मजबूत स्थिति में होने पर व्यक्ति के डॉक्टर बनने की संभावना प्रबल होती है. इस क्षेत्र की तरफ बढ़ने पर व्यक्ति को सफलता मिलती है, जिन जातकों की कुंडली में मंगल के साथ चंद्रमा या शनि का संयोग बैठता है. वही मेडिकल लाइन में अच्छा करते है. 

कुंडली के दसवें भाग में बुध और गुरु का प्रबल होना व्यक्ति को गुणवान बनाता है. ऐसा व्यक्ति अध्यापक, पत्रकार, लेखक के क्षेत्र में आगे बढ़ता है. इनका गुरु स्ट्रोग होता है और यह लोग इन्हीं क्षेत्रों में खूब नाम कमाते हैं. जन्म कुंडली के तीसरे भाग में गुरु ग्रह का प्रबल होना भी अध्यापक बनने का संकेत देता है. वहीं सातवें या दसवें स्थान में बुध ग्रह का स्ट्रोग होना मीडिया फिल्ड में व्यक्ति की पॉजिशन को स्ट्रोग करता है. 

-अगर कुंडली के दसवें स्थान में बुध और गुरु प्रबल होते हैं. यह दोनों ही ग्रह स्ट्रोग स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति लेखक बनता है. वह लेखन के क्षेत्र में खूब तरक्की भी करते हैं. पैसा और नाम कमाते हैं. 

-कुंडली के दसवें भाग में शुक्र और बुध एक साथ विराजमान होने पर व्यक्ति कवि और संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं. इन दोनों ग्रहों की प्रबलता व्यक्ति को सफलता दिलाती है. 

-कुंडली के दसवें भाग में मंगल और शुक्र का संयोग बनता है तो व्यक्ति रेसलिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ता है. वह शरीर से बलशाली होता है. कुश्ती में अच्छा करता है. 

-जिस भी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाग में मंगल और राहु का योग बनता है. यह दोनों ग्रह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ाते हैं. इसके अलावा दसवें भाग में सूर्य और मंगल की युति भी व्यक्ति को इंजीनियर बनने की संभावना पैदा करती है. व्यक्ति को इस क्षेत्र में खूब सफलता भी प्राप्त होती है. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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