डीएनए हिंदी: सूर्य उपासना का महापर्व छठ व्रत आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है. यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. एक कार्तिक यानी अक्टूबर-नवंबर में और दूसरा चैत्र यानी अप्रैल में. कार्तिक में मनाए जाने वाला छठ पर्व मुख्य माना जाता है तो चैत्र में मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ के नाम से जाना जाता है.
छठ व्रत की तरह ही चैती छठ भी चार दिन का पर्व है. पहले दिन नहाया खाय, इसके बाद खरना, फिर गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है. व्रत के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है. इस बार चैती छठ 5 अप्रैल से शुरू होकर 8 अप्रैल को उगते सूर्य के अर्घ्य के साथ समाप्त होगा.
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चैती छठ पूजा 2022 की प्रमुख तिथियां (Chaiti Chhath puja 2022 date)
- 05 अप्रैल मंगलवार- नहाय-खाय
- 06 अप्रैल बुधवार - खरना
- 07 अप्रैल गुरुवार-डूबते सूर्य का अर्घ्य
- 08 अप्रैल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य
बता दें कि यह व्रत संतान सुख व संतान के दीर्घायु और घर-परिवार में सुख-समृद्धि व खुशहाली के लिए किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, छठी मैया को सूर्य देव की बहन कहा जाता है. इसलिए छठ पूजा के दौरान सूर्य की उपासना की जाती है. कहा जाता है कि सूर्य की पूजा करने से छठी मैया प्रसन्न होती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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