Navratri 2022: तीसरे दिन होती है माता चंद्रघंटा की पूजा, यहां पढ़ें विधि और आरती

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 04, 2022, 09:19 AM IST

मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के हर कष्ट दूर हो जाते हैं.

डीएनए हिंदीः नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.  देवी चंद्रघंटा के सिर पर घंटे के आकार का चंद्र है इसलिए इन्हें 'चंद्रघंटा' कहा जाता है. मान्यता है कि शेर पर सवार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के हर कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मंत्र, आरती और भोग के बारे में. 

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (Chaitra Navratri 2022 Maa Chandraghanta Puja Vidhi)

 

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चंद्रघंटा का आराधना मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां चंद्रघंटा की आरती  (Chaitra Navratri 2022 Maa Chandraghanta Aarti)

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।

पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।

चंद्र समान तुम शीतल दाती।चंद्र तेज किरणों में समाती।

क्रोध को शांत करने वाली।

मीठे बोल सिखाने वाली।

मन की मालक मन भाती हो।

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।

सुंदर भाव को लाने वाली।

हर संकट मे बचाने वाली।

हर बुधवार जो तुझे ध्याये।

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।

सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।

शीश झुका कहे मन की बाता।

पूर्ण आस करो जगदाता।

कांचीपुर स्थान तुम्हारा।

करनाटिका में मान तुम्हारा।

नाम तेरा रटूं महारानी।

भक्त की रक्षा करो भवानी।

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