Chaitra Navratri: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा को लगाएं ये अलग-अलग भोग, बरसेगी जमकर देवी कृपा

Written By ऋतु सिंह | Updated: Mar 19, 2023, 02:38 PM IST

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग भोग

चैत्र नवरात्रि 2023 पर देवी को 9 दिन कौन-कौन से भोग लगाने चाहिए जान लें.

डीएनए हिंदीः चैत्र नवरात्रि वर्ष 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू हो रही है. नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि  में सभी पूजा की विधि शारदीय नवरात्रि के समान ही होती है. 

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. देवी दुर्गा के नौ अवतार मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री शामिल हैं. तो चलिए जानें कि प्रत्येक दिन मां दुर्गा के नौ रूपों को चढ़ाए जाने वाले विभिन्न भोग कौन से होते हैं.

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पहला दिन: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी के चरणों में देसी घी चढ़ाकर मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि प्रसाद भक्त को बीमारी और दर्द से रहित जीवन का आशीर्वाद दे सकता है.

दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी साधारण भोजन और भोग की प्रेमी हैं, और इसलिए देवी को चीनी और फलों का भोग लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह परिवार के सदस्यों को दीर्घायु प्रदान करता है.

तीसरा दिन: त्योहार के तीसरे दिन मां दुर्गा के उग्र अवतार को दूध, मिठाई और खीर का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि मां चंद्रघंटा सिंह की सवारी करती हैं और सभी बुराईयों का नाश करती हैं.

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चौथे दिन: मां कुष्मांडा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया था और चौथे दिन उनकी ही पूजा होती है. उन्हें ब्रह्मांडा भी कहा जाता है. भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और देवी को मालपुए का भोग लगाते हैं.

पांचवें दिन: चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन केले का भोग लगाकर मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि भोग भक्तों को स्वस्थ और फिट रख सकता है.

दिन 6: त्योहार के छठे दिन मां दुर्गा के छठे अवतार - मां कात्यायनी को भोग के रूप में शहद चढ़ाया जाता है. इस दिन की पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

सातवां दिन: मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है. यह प्रसाद सातवें दिन ब्राह्मणों को भी दिया जाता है. कालरत्रि दुष्टों का संहार करती हैं और दुख से मुक्ति दिलाती हैं.

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आठवां दिन: आठवें दिन मां महागौरी को भोग के रूप में नारियल का भोग लगाकर मां महागौरी की पूजा की जाती है. अखंड सुहाग और सुखी परिवार के लिए इस दिन देवी की पूजा जरूर करें.

दिन 9: त्योहार के नौवें और अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री को तिल या तिल चढ़ाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचाती हैं.

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