डीएनए हिंदी: चैत्र माह की शुरूआत हो चुकी है अब चैत्र की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा यानि 22 मार्च 2023 से नवरात्रि के पर्व (Chaitra Navratri 2023) की शुरुआत होने वाली है. चैत्र माह में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. वैसे तो साल में चार बार नवरात्रि (Navratri 2023) का पर्व मनाया जाता है लेकिन चैत्र माह में नवरात्रि का पर्व (Chaitra Navratri 2023) नववर्ष के साथ ही शुरू होता है. चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है. नवरात्रि में (Chaitra Navratri 2023) मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए उपवास किया जाता है. नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) में भक्त नौ दिनों का उपवास करते हैं. चैत्र माह में नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के दौरान व्रत करने का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही महत्व हैं. तो आज हम आपको चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) व्रत के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के बारे में बताएंगे.
चैत्र नवरात्रि का धार्मिक महत्व (Chaitra Navratri 2023 Religious Significance)
- देवी मां की पूजा-अर्चना के लिए नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इन दिनों मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं. नवरात्रि में पूजा करने से फल भी कई गुना ज्यादा मिलता है.
- चैत्र नवरात्रि में देवी मां की पूजा अर्चना करने से मानसिक रूप से व्यक्ति शांत रहता है. इन दिनों देवी मां के स्वरूपों की दिनों के अनुसार पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है.
-देवी मां प्रसन्न होकर भक्तों को धन-धान्य और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं. व्रत करने से सभी समस्याओं का अंत होता है साथ ही विचारों में भी शुद्धता आती है.
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चैत्र नवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व (Chaitra Navratri 2023 Scientific Significance)
- चैत्र नवरात्रि का पर्व बदलते मौसम के समय आता है. इन दिनों सर्दियों का मौसम जाता है और गर्मियों का मौसम आता है. ऐसे में मौसम में बदलाव के कारण लोगों को कई समस्याओं और बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
- व्रत करने का वैज्ञानिक कारण यह भी है कि इससे हमारा स्वास्थ्य और शरीर शुद्ध हो जाता है. शरीर की शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सही करने के लिए भी उपवास करना लाभकारी होता है.
- व्रत करने से हमारा पाचन तंत्र ठीक होता है. चैत्र माह के बदलते मौसम में व्रत करने से सेहत अच्छी होती है. प्राचीन समय में इन दिनों ऋषि मुनि बदलते मौसम की वजह से उपवास करते थे.
- चैत्र नवरात्रि में व्रत करने से शरीर कई बीमारियों से बचा रहता है. आयुर्वेद में भी उपवास करने के महत्व के बारे में बताया गया है.
- चैत्र माह में लोगों को हाई बीपी की शिकायत भी होती है ऐसे में नवरात्रि के दौरान नमक छोड़कर सेधा खाने से हाई बीपी की समस्या में भी राहत मिलती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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