सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. नया साल चैत्र नवरात्रि से शुरू होता है. इस समय से शुभ कार्य फिर से प्रारंभ हो जाते हैं. चैत्र नवरात्रि नौ रातों की होगी. इस दौरान आद्यशक्ति महामाया की नौ रूपों में पूजा की जाएगी. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है.
चैत्र नवरात्रि 2024 कब है?
इस वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को दोपहर 2:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक है. लेकिन 9 अप्रैल को उदया तिथि के अवसर पर नवरात्रि घट स्थापना की जाएगी. तदनुसार, चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है. 17 अप्रैल को नवरात्रि का समापन होगा. चैत्र नवरात्रि 9 दिनों तक मनाई जाएगी.
घट स्थापना समय
9 अप्रैल को सुबह 6:21 बजे से 10:35 बजे के बीच नवरात्रि घट स्थापना की जा सकती है. फिर उस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:57 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक रहा. कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त भी उपयुक्त होता है.
घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां
हर साल दुर्गा पूजा के दौरान देवी अलग-अलग वाहनों में आती और जाती हैं. प्राणियों का पूरा वर्ष कैसा व्यतीत होगा यह देवी के आने और जाने के वाहन पर निर्भर करता है. देवी दुर्गा किसी वर्ष घोड़े पर, किसी वर्ष हाथी पर और किसी वर्ष नाव पर सवार होकर आती हैं. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पर देवी घोड़े पर सवार होकर आएंगी. घोड़े की सवारी होना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अच्छा संकेत नहीं है. इससे सत्ता परिवर्तन और अराजकता हो सकती है.