Chaitra Navratri के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को करें प्रसन्न, जानें पूजा विधि से लेकर मंत्र और आरती

Written By Aman Maheshwari | Updated: Apr 10, 2024, 05:43 AM IST

Chaitra Navratri Day 2 Puja

Chaitra Navratri Day 2 Puja: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. आइये आपको पूजा विधि के बारे में बताते हैं.

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन (Chaitra Navratri 2024 2nd Day) माता ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) को समर्पित होता है. नवरात्रि के दूसरे दिन यानी आज 10 अप्रैल, 2024 को मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा-अर्चना करने से कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है. मां ब्रह्मचारिणी देवी की विधि-विधान से पूजा (Chaitra Navratri Puja Vidhi) कर सभी परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं.

मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करनी चाहिए. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान कर लें और सफेद वस्त्र धारण करें. मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा के समक्ष बैठकर ध्यान करें. माता को पंचामृत से स्नान करवाएं और सफेद वस्त्र अर्पित करें. माता को रोली, चंदन, अक्षत और गुड़हल का फूल चढ़ाएं. इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें और आरती करें.


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माँ ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः,
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू,
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्,
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम,
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन,
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्

मां ब्रह्मचारिणी जी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता,
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता

ब्रह्मा जी के मन भाती हो,
ज्ञान सभी को सिखलाती हो

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा,
जिसको जपे सकल संसारा

जय गायत्री वेद की माता,
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता

कमी कोई रहने न पाए,
कोई भी दुख सहने न पाए

उसकी विरति रहे ठिकाने,
जो तेरी महिमा को जाने

रुद्राक्ष की माला ले कर,
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर

आलस छोड़ करे गुणगाना,
मां तुम उसको सुख पहुंचाना

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम,
पूर्ण करो सब मेरे काम

भक्त तेरे चरणों का पुजारी,
रखना लाज मेरी महतारी

 (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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