Chaitra Navratri Maa Katyayani Puja : चैत्र नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित होता है. इस बार नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हुई है. छठा दिन 14 अप्रैल मां कात्यायनी का है. इस दिन पूरे विधि विधान से माता के छठे स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन माता को भोग लगाने से लेकर मंत्र का जाप व व्रत करने से घर में सुख समृद्धि की वास होता है. व्यक्ति के सभी कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती है. आइए जानते हैं कि मां कात्यायनी का भोग, प्रिय रंग, पुष्प, मंत्र और आरती...
मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी दुर्गा माता का छठा स्वरूप हैं. यह शेर की सवारी करती हैं. कात्यायनी मां के चार भुजाएं हैं. उनके सिर पर हमेशा मुकुट सुशोभित रहता है. दो भुजाओं में कमल और तलवार धारण करती हैं. एक भुजा में वर मुद्रा और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में रहती है. मान्यता है कि अगर भक्त एक भुजा वर मुद्रा और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में रहती है. मान्यता है कि जिस भी शादी योग्य युवती या युवक की शादी नहीं हो रही हैं. वह मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करते हैं विवाह में आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं.
यह है माता का प्रिय भोग, पुष्प और रंग Maa Katyayani Bhog
मां कात्यायनी का प्रिय भोग शहद है. इस दिन माता की पूजा अर्चना करने के साथ ही शहद का भोग लगाना चाहिए. इससे भक्त का व्यक्तित्व निखरता है. वहीं माता रानी को लाल रंग के गुड़हल या गुलाब के फूल अर्पित करने चाहिए. माता को लाल रंग प्रिय होता है. माता को लाल रंग की चीजें अर्पित करने से माता रानी की कृपा प्राप्त होती है.
मां कात्यायनी का मंत्र Maa Katyayani Ka Mantra
दुर्गा मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी के मंत्र जाप से माता रानी प्रसन्न होती हैं. जीवन में सभी दुख और बाधाओं को दूर करती है. कष्ट और समस्याओं को हर लेती हैं. इसके लिए माता के इस मंत्र का जाप करना चाहिए
ॐ देवी कात्यायन्यै नम:..
मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी..
मां कात्यायनी की आरती Maa Katyayani Aarti
जय-जय अम्बे जय कात्यायनी
जय जगमाता जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहा वरदाती नाम पुकारा
कई नाम है कई धाम है
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भगत हैं कहते
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली
अपना नाम जपाने वाली
बृहस्पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यायनी का धरिए
हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी
जो भी मां को 'चमन' पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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