Chaitra Navratri 2022: दुर्गाष्‍टमी पर बन रहा सुकर्मा योग, पढ़ें शुभ मुहूर्त और उपाय

| Updated: Apr 09, 2022, 07:18 AM IST

इस साल दुर्गाष्‍टमी पर एक खास योग बन रहा है. यह योग 9 अप्रैल को सुबह 11:25 बजे से शुरू हो रहा है.

डीएनए हिंदी: आज दुर्गाष्टमी है जिसे महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. आज के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरुप माता महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन हिंदू धर्म के ज्‍यादातर अनुयायी व्रत रखते हैं तो कई जगहों पर नवरात्रि हवन और कन्या पूजन भी किया जाता है. इस साल चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 08 अप्रैल, शुक्रवार को रात 11:05 मिनट पर शुरू हुई और 09 अप्रैल, शनिवार को देर रात 01:23 मिनट तक रहेगी. लिहाजा दुर्गाष्टमी व्रत 09 अप्रैल को रखा जाएगा. आमतौर पर जो लोग नवरात्रि के पूरे 9 दिन तक व्रत नहीं रखते हैं, वे पहले दिन और दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं. इस साल दुर्गाष्‍टमी पर एक खास योग बन रहा है.

यह योग 9 अप्रैल को सुबह 11:25 बजे से शुरू हो रहा है. साथ ही पूरे दिन पुनर्वसु नक्षत्र रहने के कारण आज के दिन किए गए किसी भी कार्य को करने से शुभत्व की प्राप्ति होगी. इसके अलावा नवरात्रि के अंतिम यानी कल रामनवमी के दिन नौ वर्ष बाद ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है जो कि नवमीं की शुभता में वृद्धिकारक होगा.

भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 12 बजे हुआ था. संयोगवश इस दिन अश्लेषा नक्षत्र, लग्न में स्वग्रही चंद्रमा, सप्तम भाव में स्वग्रही शनि, नवम भाव में सूर्य, दशम में बुध, कुम्भ का गुरु, शुक्र, मंगल है और दिन रविवार रहेगा. 

ये भी पढ़ें- Chaitra Navratri 2022: आठवें दिन होती है माता महागौरी की पूजा, पढ़ें विधि और व्रत कथा

महागौरी की होती है पूजा 
दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा होती है. देवी महागौरी सुख, सफलता, धन, धान्य, संपत्ति और विजय की दाता हैं. उन्‍हें मां अन्नपूर्णा का स्वरूप भी माना जाता है. कहा जाता है कि महागौरी की पूजा से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. 

कन्‍याओं को मां दुर्गा का स्‍वरूप माना गया है. इसलिए दुर्गाष्‍टमी के दिन कन्‍याओं की पूजा करके उनका आशीर्वाद लिया जाता है. ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्‍न होती हैं. कन्‍या पूजन के लिए छोटी बालिकाओं को खीर-पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि का भोजन कराएं. उन्‍हें तिलक लगाकर हाथ में मौली बांधकर, गिफ्ट-दक्षिणा आदि देकर उनका आशीर्वाद लें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें