डीएनए हिंदी: धन पाने की इच्छा हर किसी के मन में होती है. आचार्य चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी बताया है. लक्ष्मी जी की कृपा से ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है, मान सम्मान में वृद्धि होती है और जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं आती है. हालांकि कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है जब धन आने पर व्यक्ति का स्वभाव एक दम ही बदल जाता है.
चाणक्य नीति के अनुसार, धन आने पर मनुष्य को सचेत हो जाना चाहिए और कुछ बातों का ध्यान हमेशा रखना चाहिए. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि लक्ष्मी जी का स्वभाव चंचल है इसलिए जो इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं, लक्ष्मी जी उन्हें छोड़कर हमेशा के लिए चली जाती हैं.
ये भी पढ़ें- Ram Navami 2022: 10 साल बाद बन रहा ऐसा शुभ योग, इस मुहूर्त में की खरीदारी तो होगी लक्ष्मी की कृपा
भूलकर भी न करें ये काम
वे कहते हैं कि जो लोग पद और प्रतिष्ठा का गलत लाभ उठाकर कमजोर व्यक्तियों को सताते हैं, अपमान करते हुए उनसे उनका हक छीन लेते हैं, ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी कतई पसंद नहीं करती हैं. आगे चलकर इनको कष्ट-आव्यश ही मिलता है.
लालच नहीं परिश्रम करें
इसके अलावा किसी भी व्यक्ति को दूसरे के धन का लालच नहीं करना चाहिए. जीवन में धन केवल परिश्रम से मिलता है. बिना परिश्रम मिला धन लंबे समय तक नहीं रुकता है. ऐसे में जो लोग लालच करते हैं, वे संतुष्ट नहीं होते हैं. लालच करने वालों को लक्ष्मीजी की कृपा नहीं मिलती है.
गलत संगत से बनाएं दूरी
चाणक्य नीति कहती है कि गलत संगत सदैव हानि पहुंचाती है. इससे आज तक किसी का भला नहीं हुआ है. व्यक्ति को विद्वान, वेद के जानकार और धर्म का पालन करने वालों की संगत करनी चाहिए. साथ ही भूलकर भी धन लक्ष्मी का अपमान नहीं करना चाहिए. इसे सहेजकर ही खर्च करना चाहिए क्योंकि लक्ष्मी की कद्र नहीं करने वालों से यह हमेशा के लिए रूठकर चली जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें