डीएनए हिंदी: Chandra Grahan 2022 Sutak Kaal, India Time- आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है. चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, ऐसे में सूतक सुबह 8.30 पर लग चुका है. सूतककाल में किसी भी तरह की पूजा विधि और काम काज नहीं होते हैं. कार्तिक मास में ही यह दूसरा ग्रहण है जो 15 दिन के अंतराल में आया है. दिवाली पर सूर्यग्रहण था, 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण के कारण कई त्योहार इधर उधर हुए थे.
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चंद्र ग्रहण भारत में कब शुरू होगा (Chandra Grahan Timing)
8 नवंबर मंगलवार कार्तिक पूर्णिमा है
ग्रहण का सूतक सुबह 8.29 से शुरू
ग्रहण आरम्भ दोपहर 2.39 से- शाम 6.19 पर
भारत में शाम 5.30-6.20 बजे तक ग्रहण रहेगा
अरुणाचल में सबसे पहले दिखाई देगा
India में कई जगह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. चंद्रग्रहण सबसे पहले अरुणाचल में नजर आएगा. पूर्वोत्तर राज्यों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण के रूप में नजर आएगा, बाकी जगह आंशिक दिखाई देगा. यह ग्रहण अमेरिका, आस्ट्रेलिया, एशिया आदि में नजर आएगा
चंद्र ग्रहण के बाद क्या करें
चंद्र ग्रहण के बाद गंगा जल से पूरे घर में छिड़काव करें, स्नान करके मंदिर भी साफ करें, साफ कपड़े पहनें, शिव जी की उपासना करें, किसी गरीब व्यक्ति को चावल, दूध का दान करें.
इन नियमों का करें पालन, क्या ना करें (Chandra Grahan Niyam)
चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के धार्मिक कार्य नहीं किए जाएंगे. मंदिर में पूजा नहीं होगी. कपाट बंद रहेंगे.
गर्भवती महिलाएं सूतक में कुछ भी काटने का काम न करें और अपने गर्भ पर गाय के गोबर का टिका लगा लें. इस दिन इन्हें गर्भ को सुरक्षित रखने के लिए ध्यान रखना चाहिए. अगर खुद के बराबर का कुश मिल जाए तो उसे अपनी लंबाई से नाप कर एक कोने में खड़ा कर दें. ग्रहण के बाद कुश को किसी पेड़ के नीचे रख दें. इससे गर्भ की रक्षा होगी.
सूतक काल में भोजन नहीं बनाया जाता और न ही खाया जाता है. इसे दूषित काल माना जाता है. हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं.
सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां चाकू, कैंची आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें. न ही सिलाई-कढ़ाई करें.
ग्रहण को खुली आंखों से ग्रहण न देखें, यदि देखना ही है तो एक्सरे की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा घर के मंदिर में भी पूजा पाठ न करें. मानसिक जाप कर सकते हैं. मानसिक जाप काफी फलदायी माना जाता है.
सूतक के दौरान प्रभु का नाम लें और भजन करें. सूतक लगने से पहले और सूतक खत्म होने के बाद स्नान जरूर करें.
सूतक खत्म होने के बाद स्नान कर अन्न और वस्त्र का दान उत्तम माना गया है.
ध्यान रहें की सूतक के दौरान मंदिर में भगवान को पर्दा डालकर रखें और उन्हें स्पर्श न करें.
खाने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल दें, इससे खाना शुद्ध रहता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है)
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