डीएनए हिंदीः वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) के रूप में मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) इस साल 5 मई 2023 को मनाई जाएगी. बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) पर साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) लग रहा है. इस साल कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं जिनमें से सूर्य ग्रहण पिछले महीने लग चुका है. अब 5 मई को चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) लग रहा है. चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) और बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) पर भद्रा का साया (Bhadra Ka Saya) लगने वाला है. चलिए आपको भद्रा के समय (Bhadra Time) और इसके उपाय (Bhadra Upay) के बारे में बताते हैं.
भद्रा साये का समय (Bhadra Ka Saya)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा को अशुभ माना जाता है. भद्रा का वास पाताल लोक में होता है. भद्रा के पाताल में होने पर पृथ्वी पर इसका अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन जब इसका साया हो तो यह समय अशुभ माना जाता है. 5 मई को चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया लग रहा है. बता दें कि, इस दिन भद्रा शाम को 05 बजकर 01 मिनट पर लग रही है. जो रात को 11 बजकर 27 मिनट तक रहेगी.
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भद्रा के उपाय (Bhadra Ke Upay)
- चंद्र ग्रहण के दिन भद्रा का साया लग रहा है ऐसे में चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए मुंह में तुलसी दल को रखना चाहिए. आप मुंह में तुलसी दल को रखने के दौरान बीज मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. इसे करने से चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव आपके ऊपर नहीं पड़ेगा.
- भद्रा के साये में लग रहे चंद्र ग्रहण के दौरान मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए गोमती चक्र की स्थापना करें. चंद्र ग्रहण के दिन यह उपाय करना शुभ माना जाता है.
- आपको चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए. आपको गंगाजल से स्नान करना चाहिए यह शुभ माना जाता है.
- इस दिन कौवे को मीठे चावल खिलाएं यह उपाय करने से राहु-केतु और शनि ग्रह के दोष दूर होते हैं. इन सभी उपायों से आप चंद्र ग्रहण के दिन अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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