डीएनए हिंदी: (Lunar Eclipse 2023 Date) चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक के साथ ही धार्मिक रूप से भी बड़ा महत्व होता है. इसका राशि से लेकर नकक्षों पर भी अलग अलग तरह का प्रभाव पड़ता है. इस साल का पहला चंद्रग्रहण 5 मई को लग चुका है. साथ ही साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को लगेगा. यह चंद्रग्रहण कई मायनों में अलग होगा. हालांकि चंद्रग्रहण कई तरह के होते हैं. इनका प्रभाव भी लोगों पर पड़ता है. धार्मिंक रूप से ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को संभलकर रहना पड़ता है. मान्यता है कि ग्रहण का असर पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. आइए जानते हैं चंद्रग्रहण लगने का समय, तिथि, प्रभाव और इसके प्रकार...
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इस स्थिति में लगता है चंद्रग्रहण
हर कोई जानता है कि धरती सूरज का चांद धरती का चक्कर लगाता है. यह दोनों ही अपनी अपनी परिक्रमा लगाते रहते हैं, लेकिन जब भी कभी धरती, सूरज और चांद एक सीध में आ जाते हैं तो चांद पूरी तरह से ढक जाता है. इसकी वजह से सूर्य की रोशनी की चांद पर नहीं पहुंचती. इसके चलते चांद दिखाई नहीं देता है. इसी खगोलीय घटन को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. हालांकि यह सिर्फ एक प्रकार का नहीं होता. हर बार परिस्थिति अलग होने की वजह से चंद्र ग्रहण और इसका प्रभाव दोनों ही बदल जाते हैं.
जानें कितने तरह का होता है चंद्र ग्रहण
चंद्रग्रहण एक या दो नहीं बल्कि तीन तरह का होता है. इन्हें पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. जब चांद धरती की परिक्रमा करता है तो कई बार सूरज, चांद और धरती एक सीध में आ जाते हैं. ऐसी स्थिति में धरती चांद को पूरी तरह से ढक लेती है. इसकी वजह से सूरज की रोशनी चांद पर नहीं पड़ती. इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है. वहीं जब सूरज और चांद के बीच में धरती आ जाती है. इस दौरान चांद पर थोड़ी सी रोशनी जाती है. ऐसी स्थिति में चांद का कुछ हिस्सा दिखाई देता है. इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं. वहीं जब चांद तो दिखता है, लेकिन वह साफ नहीं दिखता. चांद में धुंधलापन आ जाता है. ऐसी स्थिति में उपछाया चंद्र ग्रहण लगता है.
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चंद्रग्रहण का पड़ता है प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्ण चंद्रग्रहण से लेकर आंशिक और उपछाया का असर राशियों और ग्रहों पर पड़ता है. यह व्यक्ति के भाग्य और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है. ऐसे में मान्यता है कि चंद्र ग्रहण वाली रात को गर्भवती महिलाओं को पूरी रात जागना चाहिए. इस दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए. सोते रहने पर गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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