Chnadra Grahan 2023 : 5 मई को किस समय लग रहा साल का पहला चंद्र ग्रहण, भारत में क्या सूतककाल होगा मान्य?

Written By ऋतु सिंह | Updated: May 03, 2023, 03:44 PM IST

lunar-eclipse

2023 में साल का पहला चंद्र ग्रहण बुध पूर्णिमा के दिन यानी 5 मई को लगेगा. यह पेनुमब्रल यानी उपछाया ग्रहण होगा. यह ग्रहण भारत में नजर आएगा या नहीं और इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं, चलिए पूरी डिटेल जान लें.

डीएनए हिंदीः इस साल का दूसरा ग्रहण 5 मई को लगेगा. इससे पहले 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगा था और ठीक 15 दिन बाद इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार को होगा और यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा . द्रिक पंचांग के अनुसार इस चंद्र ग्रहण का उपच्छाया परिमाण 0.95 होगा . द्रिक पंचांग के अनुसार, उपच्छाया ग्रहण पूर्ण नहीं होगा क्योंकि ग्रहण के अधिकतम समय के दौरान पृथ्वी की उपच्छाया छाया चंद्रमा के केवल 95 प्रतिशत हिस्से को ही ढक पाएगी. ग्रहण शायद ही नंगी आंखों से दिखाई देगा.

भारत में चंद्र ग्रहण 2023 की तारीख और समय-
उपच्छाया से पहला संपर्क- रात 8:45 बजे चंद्र ग्रहण की अधिकतम अवधि - रात्रि 10:53 बजे पेनम्ब्रा के साथ अंतिम संपर्क - 6 मई को सुबह 01 बजे. पेनुमब्रल चरण की अवधि - 4 घंटे 15 मिनट 34 सेकंड

सूतक काल मान्य होगा या नहीं-
 चंद्र ग्रहण क्योंकि भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल भी नहीं होगा. इस लिए धार्मिक गतिविधियां भी प्रभावित नहीं होंगी. द्रिक पञ्चाङ्ग के अनुसार, उपच्छाया चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से दिखाई नहीं देगा इसलिए चन्द्र ग्रहण से संबंधित कोई भी अनुष्ठान नहीं करना चाहिए. ऐसे में द्रिक पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण में सूतक नहीं लगेगा.

कहां-कहां नजर दिखेगा चंद्रग्रहण-
द्रिक पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका से दिखाई देगा. उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से कोई भी ग्रहण दिखाई नहीं देगा. इस बीच, उपच्छाया ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर में दिखाई देगा.

चंद्र ग्रहण में क्या करें क्या नहीं

आम तौर पर लोग ग्रहण के दौरान खाने से बचते हैं और तुलसी के पत्तों को भोजन के व्यंजनों में रखते हैं, खासकर दूध वाले. लोगों का मानना ​​है कि मंत्र जाप और भगवान का नाम लेने से ग्रहण के हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकता है. कुछ लोग ग्रहण के दौरान बाल और नाखून को अशुभ मानते हुए काटने से भी बचते हैं, जबकि कुछ चाकू और कांटे जैसे तेज और नुकीले औजारों का इस्तेमाल करने से बचते हैं. कई लोग चंद्र ग्रहण के बाद इसे शुभ मानकर अन्न और वस्त्र का दान भी करते हैं.

 देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर