Dhanteras 2022: धनतेरस पर 'धन्वंतरि स्तोत्र' का करें पाठ, क्या है मंत्र की विधि और लाभ

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 19, 2022, 01:15 PM IST

धन्वंतरि स्तो‍त्र के बिना पूरी नहीं होती धनतेरस की पूजा

Dhanvantari Stotram Benefits: धन्वंतरि स्तो‍त्र के बिना अधूरी मानी जाती है धनतेरस की पूजा, यहां जानें पाठ करने का सही तरीका और क्या है लाभ

डीएनए हिंदी: Dhanteras 2022 Mantra- हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras 2022 Date) मनाया जाता है. इस साल 23 अक्टूबर, रविवार को धनतेरस मनाई जा रही है. इस दिन को भगवान धन्वंतरि (Dhanvantari Devta) के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन धन्वंतरि की पूजा करते वक्त मंत्र का पाठ करना चाहिए, इससे मन चाहा फल मिलता है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश (Amrit Kalash) लेकर देवताओं के समक्ष प्रकट हुए थे. कहा जाता है धनतेरस के दिन रात्रि में भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से घर में धन-धान्य से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं. ऐसे में इस धनतेरस हम आपको बता रहे है भगवान धन्वंतरि का स्तोत्र (Dhanteras Upay) जिसे धनतेरस की शाम पढ़ने से घर धन-धान्य से भर जाता है. 

धनतेरस के दिन धन्वंतरि स्तोत्र का करें पाठ (Dhanvantari Stotram) 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन विधि- विधान से भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से घर में धन की कमी दूर होती है और सभी प्रकार के आर्थिक संकट से छुटकारा मिल है. इसलिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें 

स्तोत्र-

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:।
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय।।

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप।
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

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कैसे करें धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ (How to Recite Dhanvantari Stotram)


धनतेरस के दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में धन की कमी इत्यादि से छुटकारा मिलता है. धनतेरस के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए शाम के समय उत्तर दिशा में एक चौकी लगा लें और इसके बाद उस चौकी पर कुबेर देवता और मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. मूर्ति स्थापित करने के बाद विधि-विधान से पूजा पाठ करें और कुबेर देव को सफेद मिठाई और धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का भोग लगाएं और पूजा आरती करें.  यह सब करने के बाद धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें और पाठ खत्म करने के बाद अंत में सभी देवी-देवतओं को प्रणाम करके सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करें.

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धन्वंतरि स्तोत्र के लाभ (Dhanvantari Stotram Benefits)

धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने से धन्वंतरि देव प्रसन्न होते हैं. इस पाठ को करने से साल भर तक धन-दौलत की कमी नहीं रहती है. कहा जाता है धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव उत्पन्न हुए थे. ऐसे में इस दिन प्रदोष काल में धन्वंतरि देवता की स्तुति करने से सारे आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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