डीएनए हिंदी: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2023) का बहुत ही विशेष महत्व बताया गया है. चार धाम की यात्रा में उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा (Kedarnath Dham Yatra 2023) की जाती है. ऐसा माना जाता है कि चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra 2023) से भक्तों को बैकुंठ की प्राप्ति होती है. जिस लोक में भगवान विष्णु निवास करते हैं उसे बैकुंठ के नाम से जाना जाता है.
साल 2023 में चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra 2023) 22 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए जिसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट (Kedarnath Dham Yatra 2023) खोल दिए गए हैं. हालांकि मौसम खराब होने की वजह से केदारनाथ (Kedarnath Dham Yatra 2023) के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है. तो चलिए आज चार धाम यात्रा और इससे महत्व के बारे में जानते हैं.
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गंगोत्री धाम
चार धाम की यात्रा में गंगोत्री धाम की यात्रा भी की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि यहां पर गौरी कुंड में गंगा खुद भगवान शिव की परिक्रमा करती है. उत्तराखंड के गढ़वाल में गंगोत्री हिमनद से गंगा नदी निकलती है.
यमनोत्री धाम
मान्यताओं के अनुसार, यमनोत्री धाम में असित मुनि का निवास माना जाता है. यमुनोत्री को सूर्य की पुत्री और यम की बहन यमुना का उद्गम स्थल माना जाता है. भारत की पवित्र नदी यमुना का उद्गम स्थल यहीं है.
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केदारनाथ धाम
उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां पर महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने भाईयों की मृत्यु के बाद हत्या का प्राश्चित करने के लिए गए थे.
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बद्रीनाथ धाम
चार धाम की यात्रा में सभी चारों धाम की यात्रा करना जरूरी होता है. बद्रीनाथ की यात्रा के बिना चारधाम यात्रा अधूरी मानी जाती है. यह भगवान विष्णु के 24 अवतारों की नर नारायण की तपोभूमी माना जाता है. बद्रीनाथ के दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
चार धाम यात्रा का महत्व
- चार धाम को बहुत ही खास माना जाता है. इन जगहों पर दिव्य शक्तियों का वास है.
- केदारनाथ धाम को भगवान शिव का आराम स्थान बताया गया है. ऐसा कहा गया है कि भगवान शिव ने यहीं पर दर्शन दिए थे.
- चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ को बहुत ही खास माना जाता है. यहां पर भगवान विष्णु 6 महीने निंद्रा में रहते हैं और 6 महीने तक वह जागृत स्थिति में रहते हैं. बद्रीनाथ को सबसे श्रेष्ठ वैकुंठ धाम भी माना जाता है.
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