Chhath Puja Paran 2023: छठ पूजा 36 घंटे बाद ऐसे करें व्रत का पारण, उगते सूर्य को अर्घ्य के बाद इन चीजों को करें ग्रहण

Written By नितिन शर्मा | Updated: Nov 20, 2023, 06:52 AM IST

सभी व्रत की तरह ही 36 घंटे बाद छठ के व्रत का पारण भी बेहद महत्वपूर्ण है. इसे भी एक सही विधि विधान से खोला जाना चाहिए. इसका भगवान की आस्था के साथ ही सेहत से जुड़ा होना है.

डीएनए हिंदी: छठ पूजा में चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे तक का व्रत पूर्ण होता है. छठी के इस महापर्व पर मुख्य रूप से छठी मैया और सूर्यदेव की उपासन की जाती है. इस पर्व में डूबते और सूर्य को दोनों अर्घ्य दिया जाता है. यह इस बात का प्रतीक है कि किसी को घबराने नहीं चाहिए. जीवन में भी सभी परिस्थितियां आती हैं. इनका अच्छे से सामना करना चाहिए. इस व्रत को रखने से व्यक्ति को संतान, सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. सभी व्रत की तरह ही 36 घंटे बाद छठ के व्रत का पारण भी बेहद महत्वपूर्ण है. इसे भी एक सही विधि विधान से खोला जाना चाहिए. इसका भगवान की आस्था के साथ ही सेहत से जुड़ा होना है. आइए जानते हैं छठ के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य और पारण की विधि...

यह है उगते सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय

छठ पूजा चार दिवसीय महापर्व है. इसमें 36 घंटे का व्रत रखा जाता है. साथ ही चौथे दिन उगते हुए सूर्य को जल देकर व्रत का पारण किया जाता है. ऐसा करने से छठी मैया और सूर्य देव व्रती की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. उगते सूर्य को जल अर्पित करने का समय अलग अलग होता है. इस बार सोमवार को उगते सूर्य को नोएडा 6 बजकर 48 मिनट पर अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं पटना में सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 9 मिनट पर रहेगा. दिल्ली में यह समय 6 बकर 47 मिनट पर रहेगा. उत्तरप्रदेश के वाराणसी में 6 बजकर 18 मिनट पर रहेगा. सभी शहरों और जगहों के हिसाब से सूर्य उदय में समय थोड़ा बहुत कम ज्यादा हो सकता है. जल देने के बाद व्रत का पारण विधि विधान से करना चाहिए. 

ऐसे करें 36 घंटे के व्रत का पारण

छठ पर्व के चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घाट का पूजन जरूर करना चाहिए और बड़ें-बुजुर्गों का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. व्रती को इस मौके पर घर के बड़ों आशीर्वाद प्राप्त करने करने के साथ ही छठी मैयार को अर्पित किया गया प्रसाद सभी को बांटना चाहिए. मान्यता है कि छठी माता का व्रत जितना ज्यादा बांटा जाएं. व्रत का परिणाम उतना ही ज्यादा शुभ और फलदायक होता है. 

पीपल के पेड़ की पूजा के बाद खाएं

मान्याता के अनुसार, सूर्य देव की उपासना के बाद घर लौटकर कुछ व्रती पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं. इसके बाद छठ का व्रत पारण के लिए सबसे पहले माता रानी को चढ़ा प्रसाद ठेकुआ, मिठाई और फलों का ग्रहण करें. इसके बाद चाय भी पी सकते हैं. 36 घंटे व्रत के बाद तुरंत खाना न खाएं. खासकर मसालेदार भोजन से दूर रहें. यह आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है. साथ ही व्यक्ति को व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता. 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.