Chhath Puja 2023: आज नहाय खाय के साथ शुरू छठ का त्योहार, यहां जानें उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 17, 2023, 06:59 AM IST

 chhath puja

छठ पूजा कार्तिक माह के छठे दिन मनाई जाती है. सूर्योपासना का ये पर्व उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न होती है. यहां जानें इस साल छठ पूजा की तारीख, सूर्योदय और सूर्यास्त अर्घ्य तक की पूरी डिटेल

डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है.  इस चार दिवसीय पूजा को मोहोत्सव के नाम से जाना जाता है.  पंचांग के अनुसार छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को मनाई जाती है.  यह त्यौहार कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होता है.  पूजा की शुरूआत शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर की जाती है.  

यह सबसे कठिन व्रत माना गया है.  इस व्रत के बाद 36 घंटे का कठोर उपवास किया जाता है.  24 घंटे से अधिक समय तक बिना पानी के उपवास करना.  यह पूजा सप्तमी तिथि को पूर्वी आकाश में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होती है.  इस साल छठ पूजा कब शुरू होगी, यहां जानें पूरी जानकारी. 

छठ पूजा कब है?

कार्तिक माह की छठी तिथि 18 नवंबर शनिवार को सुबह 9:18 बजे से शुरू होगी.  अगले दिन 19 नवंबर को सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर षष्ठी तिथि समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार छठ पूजा 19 नवंबर को मनाई जाएगी.

आस्था का मोहोत्सव छठ कार्तिक चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होता है.  17 नवंबर को छठ पूजा का पहला दिन है. इस दिन स्नान और भोजन से संबंधित एक विशेष अनुष्ठान किया जाता है.  17 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6:45 बजे और सूर्यास्त शाम 5:27 बजे होगा. 

छठ पूजा के दूसरे दिन यानी पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है. 18 नवंबर खरना. इस दिन सूर्योदय सुबह 6:46 बजे होगा. सूर्यास्त शाम 5:26 बजे होगा.

छठ पूजा की संध्या अर्घ्य की तिथि और समय
मुख्य पूजा छठ पूजा के तीसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल की छठी तिथि को की जाती है.  जो लोग व्रत रखते हैं वे इस दिन किसी नदी, तालाब या जलाशय पर जाकर पूजा करते हैं.  इसके बाद उन्होंने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया . इस वर्ष छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा.  19 नवंबर को शाम 5:26 बजे सूर्यास्त.  सूर्य को अर्घ्य देने का यह उत्तम समय है. 

छठ पूजा की सुबह का अर्घ्य  तिथि और समय
छठ पूजा के चौथे और आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न की जाती है .  कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ देने की परंपरा है.  इस दिन मन्नतें मांगी जाती हैं.  20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय 6:47 बजे है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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