Chhath Puja 2023: इस बार छठ पर बन रहे ये महासंयोग, आज नहाय खाय के साथ शुरू होगा महापर्व

Written By नितिन शर्मा | Updated: Nov 17, 2023, 06:15 AM IST

इस बार छठ पर विशेष महासंयोग बनने जा रहा है. इसमें छठ पर्व मनाने पर भगवान भास्कर की सीधी कृपा प्राप्त होगी. भगवान भास्कर सभी इच्छाओं को पूर्ण करेंगे.

डीएनए हिंदी: इस बार सप्तमी तिथि का क्षय होने की वजह से एक पक्ष 15 की जगह सिर्फ 14 दिनों का ही होगा. ऐसे में चार दिवसीय महापर्व छठ 17 नवंबर 2023 यानी कल शुक्रवार को नहाय खाय से शुरू होगा. इसके अगले दिन 18 नवंबर को लोहंडा, 19 नवंबर को डूबते सूर्य को जल दिया जाएगा. वहीं 20 नवंबर का उगते सूर्य को जल अर्पण के बाद छठ का व्रत पूर्ण होगा. श्रद्धालु भगवान भास्कर से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगेंगे. वहीं ज्योतिष की मानें तो इस बार छठ पर महासंयोग बनने जा रहा है. इस संयोग में छठ माता की पूजा करने और व्रत पर बड़ी कृपा प्राप्त होगी. चार दिवसीय यह व्रत चतुर्थी तिथि को शुरू होकर सप्तमी तिथि को समापन होगा. 

खत्म होगी असमंजस

दिवाली के पांच दिवसीय पर्व इस बार गोवर्धन की वजह से दो छह दिवसीय हो गया है. ऐसे में लोगों को त्योहार की सही तारीख और समय को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही. ठीक यह स्थिति छठ पर्व पर भी पड़ रही है. अगर आप भी छठ की सही तारीख और मुहूर्त को लेकर असमंजस में हैं तो पंचांग के अनुसार, इस बार सप्तमी तिथि की हानि (क्षय) हो रही है. ऐसे में यह पक्ष 15 की जगह 14 दिनों का ही है. चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 17 नवंबर से हो रहा है. ज्योतिषाचार्य की मानें तो सूर्योदय काल में षष्ठी तिथि का मिलन होता है तो उसी दिन षष्ठी तिथि का व्रत का उपवास करना चाहिए. वहीं 19 नवंबर को षष्ठी तिथि का मान सूर्योदय के बाद 7 बजकर 50 मिनट तक होगा. उसके बाद सुबह 7 बजकर 51 मिटन से सप्तमी तिथि का मान प्रारंभ हो रहा है. यह अगले दिन 20 नवंबर की सुबह तक रहेगा. 

छठ पर बना रहा ये महासंयोग

इस बार षष्ठी तिथि पर योगों का महामिलन हो रहा है. इसकी वजह धृति योग के साथ ही प्रवर्धान शूल, हर्ष, वृद्धि और गद योगों का शुभ मिलन हो रहा है. यह काफी शुभ और फलदायक योग है. इसमें दर्शन देने वाले देवताओं में प्रथम सूर्य देव को ही माना जाता है. यही वजह है कि इस महापर्व को धार्मिक दृष्टि से लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी काफी अच्छा माना जाता है. 

छठ पर्व के लिए ये तारीखें हैं महत्वपूर्ण

इस बार 17 नवंबर शुक्रवार को नहाय खाय रहेगा. 18 नवंबर को लोहंडा रहेगा. इसके अगले दिन 19 नवंबर की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 20 नवंबर को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा.  

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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