डीएनए हिंदी: कार्तिक माह षष्ठी तिथि को शुरू हुए चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूर्ण हो गया. इस दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. सभी ने विधि विधान से सूर्यदेव और माता छठी मैया की पूजा अर्चना की. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया. इस दौरान दिल्ली एनसीआर से लेकर पटना समेत देश के सभी हिस्सों में बने घाटों पर पूरी रात रोशनी रही. घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. व्रतियों ने बांस की टोकरी में ठेकुआ से लेकर मौसमी फल, गन्ना और पूजा का सामान सजाकर माता रानी को अर्पित किया. छठी मैया के गीतों के बीच सोमवार को सूर्योदय के साथ ही आस्था की डूबकी लगाई गई और व्रत पूर्ण हुआ.
नहाय खाय से होती है छठ व्रत की शुरुआत
छठ व्रत की शुरुआत इस बार 17 नवंबर 2023 को नहाय खाय से हुई. इसके अगले दिन खरना किया गया. इसके साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत की गई. तीसरे दिन यानी 19 नवंबर 2023 को छठ व्रती पूर्ण आस्था के साथ घाटों पर पहुंचे. यहां उन्होंने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. रात भर रोशनी के बीच घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही. आज सोमवार सुबह को गंगा जमना से लेकर सभी घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालु घाटों पर पहुंचे.
उगते सूर्य को अर्घ्य के बाद पूर्ण हुआ व्रत
हिंदू धर्म में सबसे लंबा निर्जला 36 घंटे का छठ मैया का व्रत सोमवार सुबह को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण हो गया. रात भर घाट पर खड़े व्रतियों ने भगवान की उपासना की. वहीं सुबह होते होते घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र हो गई. लोगों ने प्रसाद बांटने के साथ ही पटाखों को जलाकर खुशी जाहिर की. इसदौरान किसी भी तरह की समस्या न हो. इसको देखते हुए सभी घाटों भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रही.
प्रशासन ने किए कड़े इंतजाम
छठ मैया का व्रत पूर्ण होने से लेकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बीच तक प्रशासन ने सभी घाटों पर विशेष प्रबंध किए. दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले में भी कई घाट बनाएं गये. यहां पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बीच घाटों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स खड़ी रही. पुलिस प्रशासन टीम ने सभी सुविधा और सुरक्षा का खास ध्यान रखा.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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