Chhath Puja Date: हर साल छठ का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तक मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है. यह व्रत बेहद कठिन होता है, जिसमें महिलाएं सूर्यास्त और सूर्य उदय तक पानी में खड़े होकर जल अर्पित करती हैं. यह व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु, संतान की सलामती और घर की खुशहाली के लिए रखती हैं. इसे सूर्य षष्ठी, छठ, छठी और डाला छठ जैसे नामों से भी जाना जाता है. पूर्वाचल में इस त्योहार की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती हैं. हालांकि इस बार छठ पूजा की तारीखों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आइए जानते हैं इस साल छठ पूजा की तारीख से लेकर किस दिन मनाया जाएगा नहाय खाय और खरना...
इस दिन है छठ पूजा
हर साल छठ पूजा का व्रत दिवाली से 6 दिन बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल छठ का व्रत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर की देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगा. इसका समापन 8 नवंबर की रात 12 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए 7 नवंबर, को संध्याकाल का अर्घ्य दिया जाएगा. सुबह यानी सूर्योदय का अर्घ्य अगले दिन 8 नवंबर को दिया जाएगा.
इस दिन है नहाय खाय
इस साल नहाय खाय 5 नवंबर 2024 को मंगलवार के दिन होगा. पंचांग के अनुसार, नहाय खाय कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाएगा. इस दिन व्रती महिलाएं गंगा समेत अन्य दूसरी पवित्र नदी में स्नान ध्यान करती हैं. साथ ही सूर्यदेव की पूजा अर्चना करती हैं.
इस दिन है खरना
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन खरना किया जाएगा. इस दिन व्रती महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. छठी मैया की पूजा अर्चना करती है. इस साल खरना 6 नवंबर को मनाया जाएगा. इसी दिन से छठ पर्व की शुरुआत होगी.
डुबते सूर्य को देना होगा अर्घ्य
7 नवंबर के दिन छठ पूजा का तीसरा दिन है. इस दिन डूबते सूर्य अर्घ्य दिया जाएगा. इसके अगले दिन सुबह 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही छठ पर्व की समाप्ति होगी.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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