Chhath Puja Rules: छठ पूजा का पर्व बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह बिहार का मुख्य पर्व है. अब देशभर में लोग छठ पूजा मनाते हैं. छठ पूजा दिवाली के बाद कार्तिक माह कि शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाई जाती है.
इस व्रत में 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन किया जाता है. अगर आप पहली बार छठ पूजा का व्रत रख रही हैं तो चलिए आपको इससे जुड़े नियमों के बारे में बताते हैं. पहली बार छठ कर रहे लोगों को इन बातों का रखें विशेष ध्यान रखना चाहिए.
छठ पूजा व्रत तारीख
छठ का पर्व नहाय खाय के साथ शुरू होता है. नहाय खाय 5 नवंंबर को है. इसके बाद छठ पूजा का दूसरा दिन खरना 6 नवंबर को है. 7 तारीख को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. अगले दिन 8 तारीख को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही व्रत का पारण किया जाएगा.
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छठ पूजा के नियम
- छठ पूजा के दौरान घर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. घर के सभी सदस्य सात्विक भोजन ही करें. नहाय-खाय के दिन से ही लहसुन और प्याज न खाएं.
- छठ का प्रसाद व्रत रखने वाला व्यक्ति ही बनाता है. व्रत रखने वाले सदस्य को प्रसाद बनाना चाहिए या इसमें मदद करनी चाहिए.
- स्वच्छता और शुद्धता का खास ध्यान रखना चाहिए. छठ पूजा का प्रसाद चूल्हे पर बनाया जाता है. हालांकि. आपके पास चूल्हा नहीं है तो स्टोव या गैस चूल्हे का प्रयोग कर सकते हैं.
- छठ पूजा के दौरान पहनने वाले कपड़े अखंडित होने चाहिए. महिलाएं फॉल नहीं साड़ी न पहनें. इसके ऊपर सुईं का इस्तेमाल न हुआ हो.
- पूजा के दौरान बांस से बने सूप और टोकरी का इस्तेमाल किया जाता है. व्रत रखने वाले व्यक्ति को चटाई बिछाकर जमीन पर सोना होता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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