छठ के त्योहार की शुरुआत नहाय खहाय से होती है. इसके बाद खरना और फिर तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को जल दिया जाता है. इसके चौथे दिन व्रती उगते हुए सूर्य की पूजा अर्चना कर अर्घ्य देते हैं. इसी के साथ छठ पर्व का समापन होता है. इस बार उगते हुए सूर्य को अर्घ्य 8 नवंबर 2024 शुक्रवार को दिया जाएगा. इसमें सूर्य उदय होते ही व्रती सूर्यदेव की पूजा अर्चना विधि विधान से अर्घ्य देंगे. हालांकि दिल्ली की बात करें तो व्रती को इस बार सूर्य दिखने में थोड़ा समय लग सकता है. इसकी वजह यहां हल्का कोहरा और धुंध की वजह से सूर्योदय में देर होगी. आइए जानते हैं किस समय होगा सूर्योदय और अर्घ्य का समय...
छठ पूजा के लिए चढ़ाया जाता है ये प्रसाद
नहाय खाय से छठ पर्व की शुरुआत हो जाती है. इसके अगले दिन ही अर्घ्य की तैयारी शुरू हो जाती है. व्रती सूर्य देव छठी मैया की पूजा अर्चना की तैयारी के साथ ही भोग प्रसाद की तैयारी में जुट जाते हैं. इनमें ठेकुआ, चावल के लड्डू मुख्य रूप से बनाये जाते हैं. छठ पूजा के लिए बांस की एक टोकरी ली जाती है, इसमें पूजा के प्रसाद, फल, फूल रखे जाते हैं. साथ ही व्रती एक बांस के सूप में नारियल, 5 प्रकार के फल रखते हैं और फिर सूर्योस्त से पहले घाट पर पहुंचकर डूबते हुए सूर्य की पूजा अर्चना करते हैं.
उगते हुए सूर्य को अर्घ्य और पूजा के बाद होता है समापन
इसके अगले दिन व्रती सूर्यदेव के उदय होने पर उनकी पूजा अर्चना करने के बाद अर्घ्य देते हैं. भगवान के सामने अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं. इसके बाद छठ के त्योहार का समापन होता है. इस बार सूर्य उदय का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा. इस दिन सूर्य उदय सुबह 6:48 बजे से लेकर 6:48 के बीच होगा. यह सूर्य को अर्घ्य देने का सबसे शुभ समय भी होगा.
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