डीएनए हिंदीःChhath Puja Kab Hai: आस्था का महापर्व छठ पूजा इस बार 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है. दीपावली के 6वें दिन छठ होता है. पूजा शुरू होती है.
चार दिन तक चलने वाले इस पर्व पर छठी मैय्या और सूर्यदेव की पूजा होती है. मुख्य पूजा रविवार 30 अक्टूबर को होगी. इस दिन संतान के स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु के लिए माताएं पूरे 36 घंटे का निर्जला उपवास करती हैं. शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व होता है. यह पर्व चार दिनों का होता है. इस चार दिनों में छठी माता और सूर्यदेव की विधिवत पूजा की जाती है.
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छठ पूजा का विवरण
कार्तिक माह के चतुर्थी तिथि यानी पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. 36 घंटे का निर्जला व्रत महिलाएं रखती हैं. आइए जानते हैं छठ पूजा का मुहूर्त, नहाय-खाय, खरना की डेट, सूर्योदय पूजन मुहूर्त और सूर्यास्त पूजन मुहूर्त
नहाय खाय- शुक्रवार 28 अक्टूबर 2022 (Puja Nahay Khay)
नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है. इस दिन व्रत का संकल्प लेकर सात्विक भोजन जैसे चने की दाल, लौकी की सब्जी, भात खाया जाता है. भोजन में सेंधा नमक का ही उपयोग होता है.
खरना- शनिवार 29 अक्टूबर 2022 (Chhath Puja Kharna)
इस दिन व्रती महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती है और उसे रात में खाती हैं. खरना मतलब तन और मन का शुद्धिकरण करना होता है. इसके बाद से व्रती का 36 घंटे का व्रत शुरू करती हैं, जो सप्तमी पर समाप्त होता है.
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अस्तगामी सूर्य अर्घ्य-रविवार 30 अक्टूबर 2022 (Chhath Puja Sunset arghya)
छठ पूजा के तीसरे दिन छठी मैय्या और सूर्यदेव का पूजन होता है. सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को व्रती नदी, तालाब या घर में ही पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं.
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि आरंभ - 30 अक्टूबर 2022, सुबह 05.49
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त - 31 अक्टूबर 2022, सुबह 03.27
सूर्यास्त समय - शाम 5 बजकर 37 मिनट
उदयीमान सूर्य को अर्घ्य - सोमवार 31 अक्टूबर (Chhath Puja Sunrise arghya)
चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद ही छठ पूजा का समापन होता है और फिर व्रत का पारण किया जाता है.
सूर्योदय समय- सुबह 6 बजकर 31 मिनट
नोट - 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाए से छठ का आरंभ होगा और सप्तमी तिथि के दिन यानी कि 31 अक्टूबर 2022 को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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