Chhath Puja: आज दूसरे दिन खरना पर आम की लकड़ी से चूल्हे पर बनेगा खीर का प्रसाद, छठ के ये नियम भी जान लें

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 29, 2022, 06:12 AM IST

आज दूसरे दिन खरना पर चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर बनेगा खीर का प्रसाद

Kharna Puja: आज छठ का दूसरा दिन है और आज के दिन खरना होता है. यानी गुड़ की खीर और पूड़ी बनाई जाएगी. इसके भी लेकिन कुछ नियम हैं.

डीएनए हिंदीः खरना का प्रसाद आम की लकड़ी से चूल्हे पर बनाया जाता है. खरना पर व्रती जन क्या करते हैं और इस दिन की कुछ विशेष बातें और नियम क्या हैं, चलिए जानें. 

छठ पर्व के दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर को खरना खाने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू कर देंगे. आज कि दिन व्रती सेंधा नमक भी नहीं खाते हैं. 

छठ पूजा में नाक तक लंबा सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं? ये है वजह

आज का दिन मन की स्वच्छता के लिए है
खरना का मतलब है शुद्धिकरण. छठ के व्रत में सफाई और स्वच्छता का बहुत महत्व है. पहले दिन नहाए खाए पर जहां तन की स्वच्छता होती है, वहीं दूसरे दिन खरना पर मन की स्वच्छता पर ज्यादा जोर दिया जाता है. आज के दिन   मन से शुद्ध होकर छठी मैया का प्रसाद तैयार किया जाता है.  

रोटी  या पूरी के साथ बनता है गुड़ का रसियाव
खरना का प्रसाद मीठा होता है और इस दिन आम की लकड़ी को जलाकर चूल्हे पर रोटी या पूड़ी के साथ गुड़ और चावल से रसियाव बनाया जाता है. इस खीर में दूध का प्रयोग नहीं होता है. दूसरे दिन खरना पर व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं.

केले के पत्ते पर प्रसाद जाएगा परोसा
इस दिन शाम में मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी पर खाना बनाते हैं. इसके बाद केले के पत्ते पर प्रसाद को परोसा जाता है.  खाने में रोटी और गुड़ की बनी खीर के साथ ही केला खाने का भी विधान है. 

छठ पूजा में सूर्य देव को इस विधि से दें अर्घ्य, जरूर करें इन मंत्र का जाप

बंद कमरे में व्रती खाएंगे प्रसाद
छठी मैया को प्रसाद चढ़ाने के बाद शाम में व्रती बंद कमरे यानी पूजा रूम में ये प्रसाद खाती हैं. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास रहता है. ध्यान रहे कि जिस कमरे में छठी मैया का खरना किया जाता उसी कमरे में व्रती ये प्रसाद खाती हैं. इसके बाद व्रती द्वारा प्रसाद परिवार के सदस्यों को बांटा दी जातीण् पूजा घर में ही व्रती सोती हैं.

उपवास के दौरान बनता छठी मैया का प्रसाद ठेकुआ-पेडुकिया
इसके साथ ही खरना के उपवास के दौरान छठी मैया को चढ़ने वाले पकवान यानी कि ठेकुआ, पेडुकिया और अन्य सामग्री बनाती हैं. इसे अर्घ्य देने के दौरान टोकरी में रखकर छठी मैया को चढ़ाए जाते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.