Chhath Puja Soop Importance: हिंदू धर्म में दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार के बाद छठ पूजा का व्रत रखा जाता है. तीन दिन के छठ व्रत को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें कई चीजें ऐसी हैं, जिनका पूजा में बेहद खास महत्व होता है. इनमें बांस का सूप बेहद खास है. किसी गरीब से लेकर बेहद अमीर तक छठ पूजा में पितल, स्टील या किसी अन्य धातु से बने सूप की जगह पर पूजा में सिर्फ बांस का सूप ही इस्तेमाल करता है. आइए जानते हैं इसकी वजह और सपू का महत्व...
दरअसल छठ पूजा को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें बांस के सूप को इस्तेमाल करने की वजह प्राकृति से जुड़ा होना है. बांस एक प्राकृतिक वस्तु है और इसे प्रकृति का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि छठ पूजा में प्रकृति की पूजा की जाती है. यही वजह है कि छठ पूजा में बांस के सूप का इस्मेमाल किया जाता है. बांस को सबसे शुद्ध भी माना जाता है. वहीं माना जाता है छठ पूजा में बांस के सूप के इस्तेमाल से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं. यही वजह है कि छठ पर्व पर बांस के सूप के इस्तेमाल करने की परंपरा बेहद पुरानी और सदियों से चली आ रही है.
यह है छठ पर्व की तारीख (Chhath Puja Date)
नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है. इसमें षष्ठी तिथि 7 नवंबर को 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी. यह 08 नवंबर 2024 को 12 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में ऐसे उदया तिथि को देखते हुए छठ का त्योहार 7 नवंबर को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा.
सूप के बिना अधूरी होती है छठ पूजा (Chhath Puja Soop Importance)
छठ पूजा में बांस का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. व्रती से लेकर छठ का महापर्व में बिना बांस के सूप के छठ पूजा अधूरी मानी जाती है. सूर्य देव की पूजा के लिए अर्घ्य देते समय बांस के सूप का ही इस्तेमाल किया जाता है. प्रसाद स्वरूप भगवान को ठेकुआ और फल अर्पित किये जाते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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