Chhathi Maiya Aarti: जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से…छठी मैया की आरती बिना पूजा है अधूरी, यहां पढ़ें

ऋतु सिंह | Updated:Oct 27, 2022, 03:01 PM IST

छठी मैया की आरती

Chhath Aarti: छठ पूजा में मुख्य रूप से भगवान सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है. कोई भी पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है.

डीएनए हिंदीः छठ पूजा हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. इस पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से हो जाती है. साल छठ पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से है और इसकी समाप्ति 31 अक्टूबर को होगी.

 छठ पूजा में मुख्य रूप से भगवान सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है. कोई भी पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है. जो लोग छठ पूजा व्रत रख रहे हैं उन्हें छठ पूजा के दौरान छठी मैया की आरती जरूर करनी चाहिए. जानिए छठी मैया की आरती.

छठ मैया की आरती (Chhath Maiya Ki Aarti):

जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए.
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

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